ठाणे: एक नाबालिग लड़की का उसके पिता से झगड़ा हुआ तो उसने पिता पर ही यौन उत्पीडऩ का आरोप लगा दिया। बाद में महाराष्ट्र के ठाणे की एक अदालत ने उस शख्स से यौन उत्पीडऩ के आरोपों को हटा लिया है।
वहीं अदालत ने लड़की पर झूठी गवाही देने के कारण उसके खिलाफ तय प्रावधानों के तहत कानूनी कार्यवाही का आदेश दिया। विशेष जज ने कोर्ट की सुनवाई के दौरान लड़की द्वारा दिए गए झूठे सबूतों पर सख्त होते हुए उनके खिलाफ कार्यवाही का आदेश दिया ताकि पॉस्को नियमों का उल्लंघन करने वालों के पास कड़ा संदेश जाए।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक साल 2013 के अगस्त में लड़की ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि वह अपने माता-पिता के पास सोती है और उसके पिता ने उसे गलत तरीके से छुआ। इसके अलावा कई मौकों पर उसके साथ बलात्कार भी किया। उस वक्त लड़की की उम्र 16 साल थी। दिहाड़ी मजदूर के तौर पर काम करने वाले लड़की के पिता को पॉस्को के तहत नवी मुंबई पुलिस ने अप्रैल में गिरफ्तार कर लिया था।
लेकिन सुनवाई के दौरान कोर्ट में लड़की ने स्वीकार किया कि पिता से झगड़े के बाद उसने अपने पिता के खिलाफ झूठी शिकायत दर्ज कराई थी। कोर्ट ने कहा कि समाज में यह सख्त संदेश जाना चाहिए ताकि पॉस्को कानून का दुरुपयोग न हो सके।
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि शिकायत से साफ जाहिर होता है कि पॉस्को कानून का दुरुपयोग किया गया और लड़की ने पिता पर झूठा आरोप आरोप लगाया। इससे लड़की के पिता को कठिनाई, मानसिक पीड़ा और आघात से गुजरना पड़ा। कोर्ट ने कहा कि लड़की की झूठे आरोपों के कारण पिता को तीन साल जेल की सलाखों के पीछे गुजारने पड़े।
Bureau Report
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