जोधपुर: तेज सर्दी व कोहरे के कारण हाईटेंशन बिजली लाइनों के टूटने का खतरा बढ़ गया है। इससे डिस्कॉम की चिंता बढ़ गई है, साथ ही शहर सहित ग्रामीण इलाकों की बिजली व्यवस्था गड़बड़ाने का भी डर है। इस खतरे से निपटने के लिए विद्युत प्रसारण निगम पुराने उपकरणों को तुरंत प्रभाव से बदलने में जुट गया है। साथ ही हाईटेंशन लाइनों की पेट्रोलिंग शुरू कर दी गई है। बड़े जीएसएस तक पहुंचने वाली 132 केवी लाइनों पर लगातार नजर रखी जा रही है।
बिजली लाइनों में जो एल्यूमिनियम मेटीरियल काम में लिया जाता है, वह सर्दियों में सुकड़ता है और गर्मियों में फैलता है। सर्दी व कोहरे के हालात में ओस गिरती है। इससे लाइनों के तारों की लम्बाई प्रभावित होती है। साथ ही ओस से इंसुलेटेड पर कार्बन आ जाता है। इससे लाइनें टूट जाती हैं। प्रदेश में दिसम्बर व जनवरी के माह से एेसी घटनाएं होती हैं। हालात उस समय बिगड़ जाते हैं, जब 132 केवी हाईटेंशन लाइनें टूटती हैं। इन लाइनों के टूटने से बड़े इलाके की बिजली बंद होती है।
इससे निजात पाने के लिए विद्युत प्रसारण निगम ने पुराने उपकरणों को तुरंत बदलने, लाइनों की पेट्रोलिंग करने व लाइनों के नीचे धुआं रोकने के प्रयास में जुट गया है। इन लाइनों के आस-पास रहने वाले लोगों को धुआं रोकने को कहा गया है।
जोधपुर में मेड़ता के 400 केवी जीएसएस व कोटा से आने वाली 132 केवी लाइनों के माध्यम से बिजली संचारित होती है। यह बिजली सुरपुरा स्थित 400 केवी जीएसएस पर आती है। यहां से पश्चिमी राजस्थान को बिजली जाती है। एेसे में बड़े स्तर पर हाईटेंशन लाइनें गुजरती हैं। चार दिन पूर्व कोहरे के चलते बोरूंदा-बिलाड़ा 132 केवी बिजली लाइन व देचू-सांवरी 132 केवी बिजली लाइन टूट गई और इसमें फॉल्ट आ गया था। इससे दो दर्जन गांवों की बिजली पूरे दिन बंद रही थी।
सर्दी व कोहरे में हाईटेंशन लाइनों को खतरा होता है। कुछ दिनों पूर्व भी लाइनें टूटने की घटनाएं हुई थी। पुराने उपकरण बदले जा रहे हैं। लाइनों पर नजर रखी जा रही है। निगम हर हालात से निपटने के लिए तैयार है। – बीपी चौहान, चीफ इंजीनियर, विद्युत प्रसारण निगम, जोधपुर।
Bureau Report
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