नईदिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीअई) के नए संचालक के नाम का सुझाव देने का कार्यभार वरिष्ठ अधिवक्ता और जाने-माने वकील फली नरीमन को सौंपा था, लेकिन मंगलवार को शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में इस कार्य के लिए नरीमन के स्थान पर वरिष्ठ वकील अनिल दीवान को नियुक्त किया है।
सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति टी.एस. ठाकुर, न्यायमूर्ति ए. एम. खानविल्कर और न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ की पीठ ने यह फैसला सुनाया। प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति टी.एस.ठाकुर, न्यायमूर्ति ए.खानविलकर और न्यायमूर्ति डी.वाई चंद्रचूड़ की खंडपीठ ने फैसला सुनाया।
बीसीसीआई के संचालक के नामों के सुझाव कार्य के लिए नरीमन ने पीठ से स्वयं के स्थान पर अनिल को नियुक्त करने का आग्रह किया था, जिसे सर्वोच्च न्यायालय ने स्वीकार कर लिया।
सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को अपने फैसले में एमिकस क्यूरी गोपाल सुब्रमण्यम और जाने-माने वकील नरीमन को उन लोगों के नाम सुझाने के लिए कहा है, जो एक प्रशासक के नेतृत्व में काम करने वाली समिति में शामिल हों। यह समिति बीसीसीआई के संचालन का कामकाज देखेगी।
इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने संचालक के नामों के सुझाव के लिए दो सप्ताह का समय दिया है। उल्लेखनीय है कि सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को लोढ़ा समिति की अनुशंसाओं को लागू करने पर अडिय़ल रुख अपनाए हुए बीसीसीआई के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और सचिव अजय शिर्के को बाहर का रास्ता दिखा दिया था।
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