कोलकाता: पूर्व भारतीय कप्तान और बंगाल क्रिकेट संघ के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने बीसीसीआई अध्यक्ष पद के लिए अपनी दावेदारी को खारिज किया है। उन्होंने मना किया है कि वह बीसीसीआई में अध्यक्ष बनने के प्रबल दावेदार हैं।
गांगुली का कहना है कि मेरा नाम गैरजरूरी रूप से सामने आ रहा है। मैं क्वालीफाई नहीं करता। मैंने कैब अध्यक्ष के रूप में सिर्फ एक साल पूरा किया है, अभी दो और साल बचे हैं। मैं इसकी दावेदारी में नहीं हूं। कैब में लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू करने के सवाल पर गांगुली ने कहा कि संघ के पास उच्चतम न्यायालय के आदेशों को मानने के अलावा कोई चारा नहीं है।
उन्होंने कहा कि हमारे पदाधिकारियों की बैठक है, जहां हम भविष्य पर फैसला करेंगे। गांगुली ने कहा कि कैब 22 जनवरी को ईडन गार्डन्स में भारत और इंग्लैंड के बीच तीसरे वनडे के आयोजन के बाद ही आम सभा की विशेष बैठक करेगा।
बीसीसीआई चीफ को लेकर गांगुली का नाम तब चर्चा में आया जब भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सुनील गावसकर ने एक समाचार चैनल से कहा कि बीसीसीआई के पास अच्छी बेंच स्ट्रेंथ है जो बड़ी भूमिका निभा सकती है। एक नाम जो मेरे जेहन में आता है वह है सौरभ गांगुली।
उन्होंने कहा कि याद कीजिए 1999-2000 में जब भारतीय क्रिकेट मैच फिक्सिंग के जाल में फंसा हुआ था, गांगुली को टीम की कप्तानी सौंपी गई और उन्होंने सब कुछ बदलकर रख दिया।
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