उनियारा: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पत्नी जसोदा बेन ने कहा कि समाज के लोगों को अब कुरीतियां बंद करनी होगी। बालिका शिक्षा के प्रति विशेष ध्यान देने की जरूरत है। इससे महिला सशक्तीकरण को बल मिलेगा। जसोदा बेन ने यह बात रविवार को संत सुन्दरदास सामुदायिक सेवा संस्थान में आयोजित प्रान्तीय तैलिक साहू महासभा की ओर से आयोजित परिचय सम्मेलन एवं प्रतिभा सम्मान समारोह में कही।
उन्होंने कहा कि प्रगतिशील युग में युवक-युवतियों का परिचय सम्मेलन कराना अच्छी परम्परा है। इससे समाज को एक मंच पर आने का मौका मिलता है। रिश्ते तय करने मेंं भी सुविधा मिलती है। उन्होंने समाज के पिछड़ेपन की बात स्वीकारते हुए कहा कि इसका कारण ग्रामीण अंचल में रहने वाले लोगों का शिक्षा के प्रति जागरूक नहीं होना है।
उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि समाज के लोगों को नाम के आगे साहू, राठौर, तैलिक आदि परम्परागत शब्द जोडऩे चाहिए। इससे देश में बसे समाज के साढ़े 13 करोड़ लोगों को पहचान मिलेगी। राजनीतिक पार्टियों को भी समाज की ओर ध्यान देने पर मजबूर होना पड़ेगा।
इससे पहले मध्यप्रदेश से आई निशा पंडित ने सरस्वती वंदना तथा वनस्थली विद्यापीठ की छात्राओं ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। इसके बाद मंच पर समाज के लोगों ने एक-दूसरे का परिचय दिया।
प्रतिभाओं को भी सम्मानित किया गया। समारोह में दयानंद कश्यप, अमित साहू, फिल्म निर्माता लालजी गुप्ता, नरेन्द्र साहू, राष्ट्रीय युवा संगठन के एसपी गुप्ता ने विचार व्यक्त किए। आयोजन समिति के संयोजक नन्दकिशोर साहू, जिलाध्यक्ष राधेश्याम बाथरा, प्रदेश संगठन मंत्री जगदीश साहू, कोषाध्यक्ष चन्द्रप्रकाश साहू ने अतिथियों का स्वागत किया।
प्रधानमंत्री मोदी के नोटबंदी के फैसले को उचित बताते हुए जसोदा बेन ने कहा कि इससे काला धन बाहर आया है। इसके साथ ही नकली नोटों पर अंकुश लगा है। पत्रिका से विशेष बातचीत में जसोदा बेन ने कहा कि प्रधानमंत्री दो साल से लोगों को चेता रहे थे कि, ईमानदारी से काला धन बैंकों में जमा करा दें।
इसके बावजूद बेइमानों ने इसे अनुसना कर दिया। मोदी की ओर से उठाए गए हर कदम को उन्होंने राष्ट्रहित में बताया।
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