नईदिल्ली: कांग्रेस समेत कई अन्य प्रमुख विपक्षी दलों के नेताओं ने चुनाव आयोग से अनुरोध किया है कि पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव को दखते हुए वह केन्द्र सरकार से आम बजट एक फरवरी को पेश ना करने को कहे।
कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, जनता दल यू, बहुजन समाज पार्टी और कुछ अन्य दलों के नेताओं ने यहां चुनाव आयोग जाकर मुख्य चुनाव आयुक्त मुलाकात की और अपनी मांग के संबंध में एक ज्ञापन सौपा।
इन दलों का कहना है कि संसद में आम बजट पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में विधानसभा चुनावों के लिए मतदान पूरा होने के बाद भी संसद में आम बजट पेश किया जाना चाहिए।
उनका कहाना है कि चुनाव से ठीक पहले बजट पेश किए जाने से केन्द्र में सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी विधानसभा चुनावों मेे इसका फायदा उठा सकती है क्योकि बजट में लोक लुभावन घोषणाएं हो सकती हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने चुनाव ने आयोग से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा कि प्रतिधिनिधि मंडल में शामिल सभी दलों के नेताओं ने अपनी बात रखी और मुख्य चुनाव आयुक्त के साथ ही अन्य आयुक्तों ने काफी ध्यान से उनकी बातें सुनी।
तृणमूल कांग्रेस के नेता डेेरेक ओ’ब्रायन ने कहा कि 11 सदस्ययी प्रतिनिधि मंडल ने आयोग के समक्ष अपनी बात रखी और 15-16 पार्टियां मांग को लेकर एक साथ है।
गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने पांच राज्यों के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की थी जिसके अनुसार चार फरवरी से आठ मार्च तक मतदान होना है। विपक्षी दलों का कहना है कि आठ मार्च के बाद ही बजट पेश किया जाना चाहिये।
Bureau Report
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