नईदिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और सचिव अजय शिर्के को लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू नहीं करने पर उनके पदों से बर्खास्त कर दिया।
बीसीसीआई को नए साल के दूसरे ही दिन सुप्रीम कोर्ट ने यह बड़ा झटका दिया है। न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि 18 जुलाई 2016 के आदेश को ठाकुर और शिर्के ने लागू नहीं किया इसलिए उन्हें बर्खास्त किया जा रहा है।
न्यायालय ने जब यह फैसला सुनाया तो उससे कुछ ही किलोमीटर दूर ठाकुर अपने निवास पर मौजूद थे। अदालत ने साथ ही कहा कि बीसीसीआई के कामकाज को देखने के लिये प्रशासनिक अधिकारियों की समिति को 19 जनवरी को नियुक्त किया जाएगा।
इस समिति का निर्णय न्यायमित्र गोपाल सुब्रमण्यम और फाली एस नरीमन करेंगे। बीसीसीआई के सबसे वरिष्ठ उपाध्यक्ष को बोर्ड का अंतरिम अध्यक्ष चुना जाएगा जो अधिकारियों के पैनल के निरीक्षण में काम करेंगे।
ठाकुर ने तो फिलहाल इस फैसले पर कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं दी है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के इस ऐतिहासिक फैसले पर जस्टिस आर एम लोढ़ा ने कहा कि यह तो होना ही था और अब यह हो चुका है।
हमने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष तीन रिपोर्ट जमा कराई थी लेकिन बीसीसीआई ने सिफारिशों को लागू करने की जरूरत नहीं समझी। न्यायालय ने साफ कर दिया है कि उनका 18 जुलाई का निर्णय अब लागू हो चुका है। उन्होंने साथ ही कहा कि यह खेल की जीत है, अधिकारी आते जाते रहते हैं लेकिन अंतत: यह खेल के लिए है।
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