लखनऊ : सुप्रीम कोर्ट से अयोध्या विवाद का समाधान बातचीत से करने की सलाह के बाद श्रीराम जन्मभूमि के पक्षकार व अखिल भारतीय श्रीपंच रामानंदीय निर्वाणी अनी अखाड़ा हनुमानगढ़ी के श्रीमहंत धर्मदास सुप्रीम कोर्ट के समक्ष राम मंदिर विवाद के हल के लिए अपना नया फार्मूला पेश करने के लिए दिल्ली रवाना हो गए।
अमर उजाला से बातचीत में महंत धर्मदास ने बताया कि भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रहमण्यम स्वामी की याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट 31 मार्च की तिथि तय की है। वह भी इस दिन सुप्रीम कोर्ट में पेश होकर अपनी ओर से सुलह के लिए अर्जी देंगे।
महंत धर्मदास ने कहा राम जन्मभूमि का मसले पर कोर्ट को यह भी ध्यान रखना चाहिए की मुख्य बिंदु पर ही विचार हो, किसी भावना से ऑर्डर नहीं किया जा सकता। 10 हजार पेज की फाइल रखने से काम नहीं चलेगा, बीच का रास्ता निकालना पड़ेगा।
हनुमानगढ़ी सागरिया पट्टी के महंत ज्ञानदास ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट से अयोध्या विवाद का समाधान बातचीत से करने की सलाह के बाद कुछ संतों का बयान आ रहा है कि श्रीराम जन्मभूमि पर रामलला पधराए गए थे। कहा कि वर्ष 1949 में श्रीराम जन्मभूमि पर रामलला का प्राकट्य हुआ था। उन्होंने कहा कि संत ऐसी गलत बयानी से बाज आएं।
Bureau Report
Leave a Reply