नईदिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुरुवार को उड़े देश का आम नागरिक (उड़ान) नामक क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना(आरसीएस) के तहत शिमला-दिल्ली मार्ग पर प्रथम उड़ान को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ‘उड़ान’ के तहत कडप्पा-हैदराबाद और नांदेड़-हैदराबाद क्षेत्रों के लिए प्रथम उड़ान को हरी झंडी दिखाएंगे। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि मंत्रालय उन हवाईअड्डों को हवाई कनेक्टिविटी सुलभ कराने के लिए प्रतिबद्ध है, जहां वर्तमान में या तो हवाई सेवा बिल्कुल भी उपलब्ध नहीं है या बेहद कम संख्या में उपलब्ध है।
क्षेत्रीय दृष्टि से महत्वपूर्ण शहरों में रहने वाले लोगों को हवाई यात्रा सुलभ कराने के लिए मंत्रालय ने अक्टूबर, 2016 में ‘उड़े देश का आम नागरिक (उड़ान) नामक क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना’ (आरसीएस) शुरू की थी। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) क्रियान्वयनकारी एजेंसी है, जिसने आरसीएस-उड़ान के तहत प्राप्त 27 प्रस्तावों के लिए अनुबंध पत्र जारी किए हैं। एएआई द्वारा जिन प्रस्तावों पर निर्णय लिया गया है, उनकी मुख्य बातें निम्नलिखित हैं :
इन 27 प्रस्तावों के जरिए 27 मौजूदा सेवारत हवाईअड्डों, 12 मौजूदा कम सेवारत हवाईअड्डों और मौजूदा समय में गैर-सेवारत 31 हवाईअड्डों (कुल मिलाकर 70 हवाईअड्डे) को कनेक्ट किया जाएगा। इन प्रस्तावों के तहत भौगोलिक विस्तार काफी ज्यादा है। पश्चिम भारत के 24 हवाईअड्डों, उत्तर भारत के 17 हवाईअड्डों, दक्षिण भारत के 11 हवाईअड्डों, पूर्वी भारत के 12 हवाईअड्डों और पूर्वोत्तर क्षेत्र के 6 हवाईअड्डों को कनेक्ट करने का प्रस्ताव है। इन 27 प्रस्तावों के जरिए 22 राज्यों और 2 केन्द्र शासित प्रदेशों को कनेक्ट किया जाएगा। हवाई जहाज से लगभग 500 किलोमीटर की एक घंटे की यात्रा अथवा हेलिकॉप्टर से 30 मिनट के सफर का किराया अधिकतम 2500 रुपये होगा। अलग-अलग दूरी एवं अवधि वाले मार्गों पर हवाई सफर का किराया समानुपातिक आधार पर तय किया जाएगा।
Bureau Report
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