जयपुर: राज्य का सबसे बड़ा और 54 साल पुराना स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर आज से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में मर्ज हो गया है। भारतीय बैंकिंग में यह अब तक का सबसे बड़ा मर्जर माना जा रहा है।
शुक्रवार का दिन एसबीबीजे कर्मचारियों के लिए मायूसी लेकर आया। एसबीआई के आदेश अनुसार देश में एसबीबीजे के करीब 1000 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। इन्हें बैंक ने एक माह की सैलरी देकर रवाना कर दिया है।
दो माह से चल रही थी ट्रेनिंग
मर्जर से पहले विधाधर नगर स्थित एसबीबीजे के ट्रेनिंग सेंटर में एसबीबीजे के कर्मचारियों की ट्रेनिंग चल रही थी, जिसमें इनको एसबीआई की तकनीक और कल्चर के बारे में बताया जा रहा था।
बैंक कर्मचारियों ने कहा,’ यह काफी भावनात्मक मुद्दा है। एसबीबीजे में 35 साल तक काम करने क बाद कल से हम दूसरे नाम वाले बैंक में काम करेंगे।’
ओवरटाइम पर संशय
एसबीबीजे कर्मचारियों को मार्च के अंत में 20 हजार रुपए तक ओवरटाइम भी दिया जाता था, जो अब मर्जर के बाद मिलना मुश्किल लग रहा है। एसबीआई बोर्ड ने इस पर चुप्पी साधी हुई है।
एसबीआई में हुआ 5 सहयोगी बैंकों का विलय
एक अप्रेल से एसबीआई में 5 सहयोगी बैंको का विलय हो जाएगा। ये बैंक हैं स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर (एसबीबीजे), स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद और भारतीय महिला बैंक।
कर्मचारी बोले- वीआरएस का मतलब छंटनी
एसबीबीजे के कर्मचारियों ने कहा कि इस मर्जर के साथ ही लागू की जा रही वीआरएस योजना पांच सहयोगी बैंककर्मियों की कम से कम लाभ के साथ की जाने वाली छंटनी है। अगर प्रबंधन इसे उचित मानता तो एसबीआई में भी इसे लागू किया जाना चाहिए था।
आज बैंक खुलेंगे लेकिन आपके काम नहीं होंगे
निजी व सरकारी सभी बैंक एक अप्रेल को खुलेंगे, लेकिन इनमें आम लोगों के काम (लेनदेन व अन्य) नहीं होंगे। इस दिन बैंक सिर्फ अपने खातों का मिलान करेंगे।
ऐसे बना था एसबीबीजे
1943 में स्थापित बैंक ऑफ जयपुर लि. और 1944 में स्थापित बीकानेर बैंक लि. का 1 जनवरी, 1963 को विलय हुआ। ऐसे बना स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर।
Bureau Report
Leave a Reply