नई दिल्ली : जंतर-मंतर पर एक महीने से ज्यादा समय से विरोध प्रदर्शन करने रहे तमिलनाडु के किसानों का धैर्य अब जवाब दे रहा है। धरना दे रहे किसानों ने कहा कि अगर मोदी सरकार ने हमारी मांगें नहीं मानीं, तो हम शनिवार को विरोध स्वरूप मूत्र (पेशाब) पीएंगे और रविवार को मल खाने के लिए मजबूर होंगे।
गौरतलब है, तमिलनाडु के किसान 38 दिनों से केंद्र से कर्जमाफी और वित्तीय सहायता की मांग के साथ धरने पर हैं। वे अब जंतर मंतर में प्लास्टिक की बोतलों में एकत्र मूत्र के साथ बैठे हैं और सरकार से प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इससे पहले विरोध जताते हुए ये किसान निर्वस्त्र हो चुके हैं।
नैशनल साउथ इंडियन रिवर लिंकिंग फॉर्मर्स असोसिएशन के राज्य अध्यक्ष पी अय्याकनकु ने कहा, तमिलनाडु में पीने के लिए पानी नहीं मिल रहा और प्रधानमंत्री मोदी हमारी प्यास की अनदेखी कर रहे हैं। ऐसा लगता है कि मोदी सरकार हमें इंसान ही नहीं समझती है।
जंतर-मंतर पर तमिलनाडु के सूखा पीडि़त किसान पिछले महीने से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार और प्रशासन का ध्यान अपनी बदहाली की ओर खींचने के लिए गले में खोपड़ी पहनने से लेकर सड़क पर सांभर-चावल और मरे हुए सांप-चूहे खाने तक, इन किसानों ने कई सांकेतिक तरीकों का सहारा लिया। सूखे के कारण उनकी फसल मारी गई है। इन किसानों की मांग है कि सरकार उनके लिए सूखा राहत पैकेज जारी करे।
Bureau Report
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