नईदिल्ली : पैसेंजर्स दिल्ली से मुंबई सिर्फ 80 मिनट और मुंबई से कोलकाता मात्र 60 मिनट में पहुंच सकेंगे। यह संभव हो सकेगा रेलवे के मॉडर्न हाईपरलूप प्रोजेक्ट से। इस प्रोजेक्ट के लिए दो कंपनियां चार बड़े रूटों का सर्वे कर चुकी हैं। इसकी रिपोर्ट भी रेल मंत्रालय को पिछले हफ्ते सौंप दी है। कंपनियों ने इस प्रोजेक्ट के लिए केवल जगह की मांग की है। बाकी पूरा इन्वेस्टमेंट कंपनियां खुद करेंगी। खास बात यह है कि इस प्रोजेक्ट पर लागत हाई स्पीड ट्रेन के प्रोजेक्ट से 60% कम आएगी। 2021 तक आ सकता है ये ट्रांसपोर्ट…
– रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने भी इस प्रोजेक्ट पर विचार करने की सहमति जता दी है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो 2021 में पैसेंजर्स को ऐसा ट्रांसपोर्ट मिल जाएगा।
– इससे दो बड़े महानगरों की दूरी में लगने वाला वक्त प्लेन की जर्नी से भी कम हो जाएगा। इस प्रोजेक्ट के तहत हर 20 सेकंड में ट्रांसपोर्ट मुहैया हो सकेगा।
इन दो कंपनियों ने किया सर्वे
– इस प्रोजेक्ट के लिए हाईपरलूप ट्रांसपोर्टेशन टेक्नोलॉजिस (एचटीटी) और हाईपरलूप वन (एचओ) नामक कंपनी ने सर्वे कर रिपोर्ट सौंपी है।
– दोनों कंपनियों ने भारत में इस प्रोजेक्ट के लिए बेहतर चांस देखे हैं। इसके बाद इन्होंने 1100 किलोमीटर के क्षेत्र में चार रूटों पर दो साल की मेहनत के बाद अपना नक्शा खींचा।
– इन रूटों पर कंपनियों ने प्रोजेक्ट को बनाने की इच्छा जताई है। सर्वे के बाद सारी रिपोर्ट रेलमंत्री सुरेश प्रभु को सौंपी गई।
– इस रिपोर्ट में कंपनियों ने केंद्र और राज्य सरकार को इस प्रोजेक्ट में शामिल करते हुए जमीन मुहैया कराने की मांग की है।
क्या बोले प्रभु?
– “यह बहुत अच्छा प्रोजेक्ट है। इस पर विचार किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट में इंटरेस्ट दिखाने वाली दोनों कंपनियों में से एक को सिलेक्ट करने के लिए कठोर प्रक्रिया अपनाई जाएगी।”
– “सरकार से परामर्श लेकर जल्द सहमति बन जाएगी। कंपनियों ने 2021 तक इस प्रोजेक्ट को तैयार करने की प्लानिंग की है। जल्द ही प्रोजेक्ट पर कार्य शुरू कराने की कोशिश में हैं।”
ये हैं चार रूट
– दिल्ली-जयपुर-इंदौर-मुंबई तक की जर्नी 80 मिनट में।
– मुंबई-मैंगलोर-चैन्नई-हैदराबाद-कोलकाता तक की जर्नी 60 मिनट में।
– मुंबई-पुणे-कोल्हापुर-हुबली-बेंगलुरू-श्रीपेरंबदुर-चैन्नई तक 60 मिनट में।
– बेंगलुरू-कोयंबटूर-कोच्चि-तिरूवनंतपुरम तक की जर्नी 40 मिनट में।
क्या है हाईपरलूप?
– हाईपरलूपएक प्रकार के विशेष पॉड होते हैं। इन्हें वैक्यूम ट्यूब में हाईस्पीड दी जाती है।
– इसमें पॉड मैक्सिमम 1200 किलोमीटर की रफ्तार से दौड़ते हैं। लॉस एंजिल्स और दुबई में यह प्रोजेक्ट शुरू हो चुका है।
Bureau Report
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