दुबई: भारतीय क्रिकेट खिलाडिय़ों के साथ बिताए पलों को याद करते हुए पाकिस्तान के पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी ने गुरुवार को कहा कि दोनों देशों के खिलाडिय़ों को लेकर जो आम राय है, उसके विपरीत मैदान के बाहर सभी खिलाड़ी अच्छे दोस्त हैं।
हालांकि अफरीदी ने सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर के साथ दोस्ताना व्यवहार की बात को नकारा है। गंभीर और अफरीदी के बीच कुछ साल पहले मैदान पर जमकर बहस हुई थी। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की वेबसाइट पर लिखे कॉलम में अफरीदी ने इस बात का जिक्र किया है।
भारत-पाक के खिलाड़ी एक-दूसरे के अच्छे दोस्त
अफरीदी ने लिखा है कि जो मान्यता है उसके विपरीत दोनों देशों के खिलाड़ी एक-दूसरे के अच्छे दोस्त हैं और साथ में अच्छा समय बिताते हैं। हां, हर जगह गौतम गंभीर के रूप में अपवाद होते हैं। वह मेरे दोस्तों की सूची में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हमारा कॉफी पर मिलना नामुमकिन सा है। कुछ साल पहले हम दोनों के बीच मैदान में जमकर बहस हुई थी, जिसने पूरे विश्व में सुर्खियां बटोरी थीं। मैं इन चीजों से आगे बढ चुका हूं, लेकिन गौतम अब भी वहीं हैं।
अफरीदी ने कहा कि उन्हें जहीर खान, युवराज सिंह और हरभजन सिंह के साथ बिताया हुआ समय याद आता है। उन्होंने कहा कि ये तीन मेरे अच्छे दोस्त हैं और जब भी दोनों टीमें मिलीं मैंने इनके साथ अच्छा समय बिताया।
विराट कोहली का बड़ा फैन हूं अफरीदी
उन्होंने कहा कि हमारे करियर के शुरुआती दिनों में हम एक-दूसरे के साथ अच्छा समय बिताते थे और एक-दूसरे के घर भी जाते थे। अब हम सभी की शादी हो चुकी है और जिम्मेदारी के साथ हमारी प्रथामिकताएं भी बदल चुकी हैं। लेकिन जब भी हम मिलते हैं तो गर्मजोशी से मिलते हैं। वह मौजूदा भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली के प्रशंसक हैं। अफरीदी ने कहा कि मौजूदा टीम में मैं एक खिलाड़ी का बड़ा प्रशंसक हूं, वह हैं विराट कोहली। उनके हाथ में शानदार बल्ला है और उससे भी ज्यादा फिट शरीर में अच्छा दिल।
उन्होंने कहा कि मैं हमेशा उन्हें टी-20 विश्व कप के बाद मुझे भारतीय खिलाडिय़ों के हस्ताक्षर वाली टी-शर्ट देने के लिए याद रखूंगा। वह टी-शर्ट मैं हमेशा अपने पास रखूंगा और वह मुझे सिर्फ मैचों की ही नहीं, भारत दौरे की भी याद दिलाती रहेगी।
अफरीदी 2007 के बाद से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय श्रृंखला न होने से दुखी हैं। वह कहते हैं कि मुझे याद है जब भारत की पूरी टीम पाकिस्तान के दौर पर आई थी, तब मैंने उन्हें अपने कराची वाले घर बुलाया था और पठानी अंदाज में खाना खिलाया था।
अफरीदी ने कहा कि जब खाना परोसा गया तो भारतीय खिलाड़ी एक-दूसरे की तरफ देख रहे थे। तब मुझे पता चला कि मेरे मेहमान इस तरह का खाना नहीं खाते हैं। उनमें से कुछ लोग शाकाहारी थे, इसलिए हमें तुरंत दाल और सब्जियों का बंदोबस्त करना पड़ा।
Bureau Report
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