नईदिल्ली: केंद्र में सरकार बनाने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष शाह ने पार्टी के तमाम नेताओं की नसीहतों और संघ के भौहें चढ़ाने के बाद भी जम्मू कश्मीर में पीडीपी के साथ हाथ मिलाने और सरकार बनाने का फैसला किया। शायद इस भरोसे कि वे देश और दुनिया को दिखाना चाहते हैं कि मोदी जैसे व्यक्ति के प्रधानमंत्री रहते मजहबी, सियासी और वैचारिक विभाजक रेखाओं में बंटे जम्मू कश्मीर जैसे संकटग्रस्त सरहदी प्रांत में भी विकास की धारा बहेगी।
जम्मू कश्मीर की जनता प्रदर्शन छोड़ पर्यटन पर ध्यान देगी और केंद्र सरकार के सहयोग के दम पर नरम अलगाववादी पीडीपी और राष्ट्रवादी भाजपा मिलकर जम्मू कश्मीर में विकास की गंगा बहाने के साथ अमन और शांति की बहाली करेंगे। लेकिन 2015 में मुफती महोम्मद सईद के साथ भाजपा के असंभव-सा गठजोड़ करने में सफलता हासिल कर लेने और 16 पेज का साझा न्यूनतम कार्यक्रम दोनों दलों के बीच बनाने के बाद भी जम्मू कश्मीर धीरे धीरे अस्थिरता और हिंसा की आग में झुलसता चला गया।
मुफती महोम्मद सईद के इंतकाल और उनकी बेटी महबूबा के काफी सोच-विचार करने और जम्मू कश्मीर की पहली महिला मुख्यमंत्री बनने के बाद हालत बद से बदतर होते चले गए। आतंकवादी बुरहान वानी के सुरक्षा बलों के हाथों मारे जाने के बाद हिंसा और प्रदर्शन का शुरू हुआ चक्र थमने का नाम नहीं ले रहा है।
क्या थी वाजपेयी की ‘कश्मीर नीति
दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के दौरान महबूबा ने केंद्र सरकार से अटल बिहारी वाजपेयी की नीति पर चलने का अनुरोध किया था। महबूबा का मानना है कि कश्मीर समस्या का हल वाजयेपी नीति से ही हो सकता है। गौरतलब है कि वाजपेयी ने प्रधानमंत्री रहते कश्मीर समस्या का हल इंसानियत, जम्हूरियत और कश्मीरियत के रास्ते पर चलते हुए निकालने का फार्मुला दिया था। अटल जी चाहते थे कि सरहदों पर शांति हो इस कारण उन्होंने क्रास एलओसी ट्रेड जैसे कई द्विपक्षीय कदमों की शुरुआत की।
पीडीपी-भाजपा मतभेद
अनुच्छेद 370… जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाला संवैधानिक अनुच्छेद। भाजपा इसे हटाने के पक्ष में जबकि पीडीपी इसे मजबूत करना चाहती है।
पीओके के हिंदू शरणार्थी… पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से 1947,1965 और 1971 में आए शरणार्थी। भाजपा शरणार्थीयों को पूरी नागरिकता देना चाहती है जबकि पीडीपी शरणार्थियों को पूरी नागरिकता देने के पक्ष में नहीं।
पाकिस्तान से बातचीत… भाजपा आतंकवाद के साए तले पाकिस्तान से बातचीत करने के पक्ष में नहीं, पीडीपी बातचीत के पक्ष में।
अलगाववादियों को मुख्यधारा में लाना… भाजपा कश्मीर वार्ता में हुर्रियत के अलगाववादियों को शामिल करने के खिलाफ जबकि पीडीपी हुर्रियत के गुटों को बातचीत में शामिल करने के पक्ष में।
कश्मीर के लिए केंद्र सरकार की रणनीति…
जम्मू कश्मीर में धधक रहे असंतोष से निपटने के लिए मोदी सरकार ने विशेष रणनीति बनाई है। इस रणनीति के तहत मोदी सरकार जम्मू कश्मीर के लोगों से संवाद स्थापित करने की तैयारी में है। केंद्र सरकार की योजना मल्टीमीडिया प्लेटफॉर्म का सहारा लेकर घाटी के आम लोगों तक पहुंचना और उनसें संवाद स्थापित करना है। प्रधानमंत्री कार्यालय के निर्देश के बाद केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने जो रणनीति बनाई है उसके तहत रेडियो, टीवी और सोशल मीडिया के जरिए घाटी के लोगों तक पहुंचने की कोशिश करना है। सोशल मीडिया सेल बनाने की भी तैयारी है।
Bureau Report
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