रायपुर: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में बुरकापाल हमले में शामिल कुख्यात नक्सली पोडियाम पंडा ने सरेंडर कर दिया है। पंडा ने पुलिस के सामने 19 बड़ी नक्सल वारदातों को अंजाम देने की बात कबूली है। पंडा पर एक लाख रुपए का इनाम घोषित था। पांडू ने ही सुकमा के पूर्व कलेक्टर एलेक्स पॉल मेनन का अपहरण किया था।
सुकमा के एसपी अभिषेक मीणा ने कहा कि बुरकापाल हमले में शामिल पोडियाम पांडू उर्फ पंडा ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है। हालांकि इस नक्सली ने 9 मई को सरेंडर किया था, जिसका खुलासा अब जाकर हुआ है। पूछताछ में पंडा ने पुलिस को बताया कि उसने दिल्ली के सामाजिक कार्यकताओंकी मुलाकात नक्सली नेताओं से करवाने में मदद की थी।
अभिषेक मीणा ने बताया कि पोडियाम पंडा चिंतागुफा गांव का पूर्व सरपंच है। वर्तमान में उसकी पत्नी गांव की सरपंच है। नक्सली बुरकापाल में हमले की तैयारी पहले से ही कर रहे थे। पूरी तैयारी के बाद ही 24 अप्रेल को घटना को अंजाम दिया गया। इसमें सीआरपीएफ के 25 जवान शहीद हो गए थे।
पंडा ने पुलिस को बताया कि घटना के दिन 24 अप्रेल को सीआरपीएफ का दल जब अपने शिविर से निकला तब इसकी जानकारी नक्सली सदस्यों ने अपने कमांडरों तक पहुंचाई। इस दौरान हथियारबंद नक्सली बुरकापाल से करीब 8 किलोमीटर दूर कासलपाड़ा गांव के करीब मौजूद थे। जानकारी मिलने के बाद नक्सलियों ने एक घंटे के दौरान ही क्षेत्र में घेराबंदी की और 11.30 बजे पुलिस दल पर हमला शुरू कर दिया।
हमले के समय पंडा गोलीबारी कर रहा था। पंडा और उसके साथियों ने जवाबी कार्रवाई के दौरान घायल नक्सलियों और मारे गए नक्सली कमांडर अनिल के शव को कासलपाड़ा गांव पहुंचाया। इसके बाद पंडा ने अपना हथियार माओवादी कमांडर अर्जुन को सौंप दिया और अपने गांव लौट गया।
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