नईदिल्ली: भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान में कथित रुप से फांसी की सजा दिए जाने के मामले में सोमवार को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में सुनवाई होनी है। वहीं कुलभूषण की फांसी पर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के रोक के बावजूद भी पाक अपनी अपनी हठधर्मिता को छोड़ने को तैयार नहीं है।
कुलभूषण जाधव केफांसी रोकने को लेकर भारत सरकार ने पिछले 9 मई को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में अपील दायर की थी। जिसके बाद सोमवार को नीदरलैंड के हेग में स्थित न्यायालय में भारत और पाक कुलभूषण पर अपने सबूत पेश करेंगे। सुनवाई दोपहर में होनी है। गौरतलब है कि भारत हमेशा से कुलभूषण को बेकसूर बताता आ रहा है।
ध्यान को कि इस मामले को लेकर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय पहुंचे भारत और पाकिस्तान 18 साल बाद दूसरे के खिलाफ आमने- सामने होंगे। इससे पहले साल 1999 में पाक एक टोही विमान मार गिराने का आरोप लगाते हुए भारत के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अदालत पहुंचा था। जिसमें पाक के 16 सैनिकों की मौत हो गई थी। लेकिन 21 जून 2000 को 16 जजों की पाठ ने पाक के आरोपों को बहुमत से खारिज कर दिया था।
सोमवार को अंतरराष्ट्रीय अदालत में भारत का पक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे रखेंगे। जिसमें भारत यह भी कह सकता है कि कुलभूषण से मुलाकात को लेकर पाक ने भारत की ओर से किए गए आग्रह को 16 बार ठुकरा कर विएना समझौते का उल्लंघन किया है।
गौरतलब है कि पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को 3 मार्च 2016 को गिरफ्तार किया था। इसके बाद पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने कुलभूषण जाधव को जासूसी और देश विरोधी गतिविधियों के आरोप में फांसी की सजा दी है। वहीं भारत का कहना है कि उसे र्इरान से अगवा कर पाकिस्तान में लाया गया। नौसेना के ये पूर्व अधिकारी रिटायरमेंट के बाद र्इरान में व्यापार कर रहे थे।
Bureau Report
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