नर्इदिल्ली: केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने पूर्व कोयला सचिव एच. सी. गुप्ता , संयुक्त सचिव के. एस. क्रोफा और कृष्णापथनम सिक्युरिटी सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड और इसके प्रबंध निदेशक पी के अहलूवालिया को छत्तीसगढ़ में एसकेएस इस्पात एण्ड पावर लिमिटेड को कोल ब्लॉक आवंटन में कथित अनियमितताओं में आपराधिक साजिश का दोषी करार दिया है। विशेष अदालत के न्यायाधीश भारत पराशर ने यह फैसला देते हुए कहा कि 22 मई को सजा का ऐलान किया जाएगा।
यह मामला मध्य प्रदेश में थेसागोडा-बी रूद्रपुरी कोयला ब्लॉक आवंटन कृष्णापथनम सिक्युरिटी को करने में कथित अनियमितताओं से जुड़ा हुआ है। विशेष अदालत ने चार्टड एकाउंटेंट अमित गोयल को इस मामले में बरी कर दिया है।
सीबीआई ने अपने आरोपों में कहा था कि कृष्णापथनम सिक्युरिटी ने कोल ब्लॉक के लिए जो आवेदन किया था वह अधूरा था और दिशा-निर्देशों के अनुरूप नहीं होने के कारण उसे मंत्रालय को खारिज कर देना चाहिए था। जांच एजेन्सियों का यह भी आरोप था कि कंपनी ने अपनी शुद्ध परिसंपत्ति और मौजूदा क्षमता के भी गलत तथ्य पेश किए थे। राज्य सरकार की तरफ से भी कंपनी को कोई भी कोल ब्लॉक आवंटित करने की सिफारिश नहीं की गर्इ थी।
ब्यूरो ने अपने आरोपों में धोखाधड़ी, जालसाजी, आपराधिक साजिश और आपराधिक आचरण के आरोप लगाए थे। एजेन्सी का कहना था कि एसकेएस इस्पात को वर्ष 2008 में छत्तीसगढ़ का फतेहपुर कोल ब्लॉक आवंटित हुआ था। कंपनी आवंटन के लिए दस्तावेजों के आधार पर पात्र नहीं थी और ब्यूरो ने वर्ष 2014 में इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की थी।
विशेष अदालत ने मध्य प्रदेश में थेसागोडा-बी रूद्रपुरी कोयला ब्लॉक आवंटन कृष्णापथनम सिक्युरिटी को आवंटित करने के मामले में भी धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के लिये इन्हें दोषी पाया है।
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