नईदिल्ली: आपने देखा होगा कि कुछ हवाई जहाजों को छोड़ दें तो ज्यादातर हवाई जहाज के बेस कलर सफेद होते हैं। कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है। इसके पीछे कई कारण छिपे हैं। आइए जानते हैं हवाई जहाज के सफेद होने के पीछे क्या हैं वो वजहें।
हवाई जहाज के सफेद होने के पीछे कई कारण होते हैं। इनमें से सबसे बड़ी वजह यह है कि सफेद रंग पूर्ण परावर्तनीय होने के कारण हवाई जहाज को ठंडा रखने में मददगार होता है। सफेद रंग दूसरे रंगों की तुलना में गर्मी को हवाई जहाज से दूर ही रखता है।
इस वैज्ञानिक कारण के बाद बाकी के कारण कॉस्ट कटिंग से जुड़े हैं। मालूम हो कि एक हवाई जहाज को अलग रंग से पेंट करने पर खर्च बढ़कर एक करोड़ रुपए तक का जा सकता है, जबकि सफेद रंग से पेंट करवाने पर खर्च तकरीबन तीन लाख रुपए आता है।
जाहिर-सी बात है कि सिर्फ कलर के लिए कोई कंपनी अपना खर्च नहीं बढ़ाना चाहेगी। इसके अलावा अलग रंग से पेंट करवाने में वक्त भी ज्यादा बरबाद होता है। ऐसे अमूमन एक जहाज को पेंट करने में 3-4 हफ्ते का वक्त लगता है।
एक वजह यह भी है कि धूप में खड़े होने की वजह से कोई भी दूसरा रंग धीरे-धीरे उतरने लगता है, जबकि उसके मुकाबले सफेद रंग ज्यादा दिनों तक चमकदार बना रहता है। यही वो कारण हैं, जिसकी वजह से ज्यादातर कंपनियां हवाई जहाज का रंग सफेद रखना ही पसंद करती हैं।
कम ईंधन की खपत
हवाई जहाज में सफेद के बदले किसी और रंग का उपयोग करने से इसका वजन काफी बढ़ जाता है। इस वजह से ईंधन की खपत भी काफी बढ़ जाती है, जबकि सफेद रंग के हल्का होने से ईंधन की खपत में कमी आती है। इससे कंपनियों के खर्च में भी कमी आती है।
Bureau Report
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