जयपुर: छह-सात महीने पहले की बात है। शहर के एक हुक्का बार में काम करने वाला 18 साल का लड़का खांसी एवं दम फूलने की शिकायत लेकर आया। उसे खुद हुक्का बार का मालिक लेकर आया था। पूछा तो उसने बताया कि वो हुक्का बार में एक साल से काम कर रहा है और रोजाना 8 से 10 घंटे रहता है।
आमतौर पर बीड़ी सिगरेट पीने वालों की बीमारी का इलाज करने के लिए उनके फेफड़ों में कार्बन मोनोऑक्साइड का लेवल पता लगाना जरूरी होता है। यदि यह तीन से ज्यादा आता है तो माना जाता है कहीं न कहीं धुआं फेफड़ों पर बुरा असर डाल रहा है।
उस लड़के के फेफड़ों में यह लेवल 18 आ रहा था। उसकी दिल की धड़कन भी बढ़ी हुई थी। हुक्के में तंबाकू इस्तेमाल होता है या नहीं, मुझे नहीं पता, लेकिन धुआं किसी भी रूप में शरीर में जाए तो नुकसान करता ही है।
Bureau Report
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