नईदिल्ली: भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव मामले में अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में मुंह की खाने के बाद अब पाकिस्तान अपने ही लोगों के सवालों से घिर गया है। पाक मीडिया व मानवाधिकार संगठन सवाल कर रहे हैं कि जाधव को राजनयिक मदद देने से पाक ने इनकार क्यों किया। उसे यह मदद देनी चाहिए। इसके लिए भारत ने 16 बार आग्रह किया, पर पाक ने खारिज कर दिया। अंतरराष्ट्रीय कोर्ट (आईसीजे) ने गुरुवार को जाधव की फांसी पर अंतरिम रोक लगा दी थी।
आसमां जहांगीर ने कहा, ये बहुत बड़ी गलती
पाक वेबसाइट डॉन के अनुसार, पाकिस्तानी मानवाधिकार कार्यकर्ता आसमां जहांगीर ने कहा, ‘जाधव को काउंसलर पहुंच नहीं देना बड़ी गलती है। इससे भारतीय जेलों में बंद कैदियों के अधिकारों पर खतरा बढ़ेगा। अंतरराष्ट्रीय कानून नहीं बदल सकते।’
पाक के भरोसा नहीं देने पर तुरंत हुई सुनवाई
हेग कोर्ट में भारत द्वारा मामला दर्ज कराने के 10 दिनों बाद ही आईसीजे द्वारा की गई सुनवाई को सही ठहराते हुए हमदानी ने बताया, आईसीजे ने भारत के मामले पर तुंरत सुनवाई इसलिए की क्योंकि पाक ने यह भरोसा नहीं दिया कि सुनवाई खत्म होने से पहले वह जाधव को फांसी नहीं देगा, इसलिए कोर्ट ने स्टे दे दिया।
शुरू से ही देनी थी यह मदद
वकील यासीन लतीफ हमदानी ने दुनिया न्यूज को बताया कि शुरू से ही जाधव को यह सुविधा मुहैया करानी चाहिए थी।
आईसीजे : अपना जज नियुक्त करेगा पाक
पाक वकीलों की नई टीम गठित करने के साथ आईसीजे में एडहॉक जज की नियुक्ति पर विचार कर रहा है। आईसीजे के अनुच्छेद 31 में यह प्रावधान है कि अगर पैनल में किसी पक्ष का जज है तो दूसरा पक्ष भी अपना एक जज पैनल में शामिल कराने का दावा कर सकता है।
पुनर्विचार याचिका दी
पाक ने आईसीजे में पुनर्विचार याचिका दायर की है। इसमें अंतरराष्ट्रीय कोर्ट से छह हफ्ते में सुनवाई की मांग की है।
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