जोधपुर: फ ोन पर तीन तलाक के बहुचर्चित मामले में राज्य महिला आयोग को बड़ी कामयाबी मिली है। आयोग की अध्यक्ष सुमन शर्मा के प्रसंज्ञान और काउंसलिंग के निर्देश के बाद कुछ ही घंटों में पति-पत्नी साथ रहने को राजी हो गए। इसके लिए बाकायदा लिखित में राजीनामा भी हुआ है, जिसमें साथ रहने की बात कही गई है। जोधपुर स्थित जिला महिला मंच की सदस्य सुमन पोरवाल ने पीडि़ता अंजुमन और तलाक देने वाले अतीक को साथ बैठाकर एक दूसरे के पक्ष को सुना और आपसी संवाद के कारण अपने तीन बच्चों और पत्नी को अपनाने के लिए पति अतीक तैयार हो गया।
काउंसलिंग के दौरान पीडि़ता की अधिवक्ता रंजना शर्मा भी मौजूद रही। पति-पत्नी ने आपसी रजामंदी और राजीनामे के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए एक दूसरे के साथ रहने पर सहमति जाहिर की। आयोग अध्यक्ष सुमन शर्मा ने पत्रिका से बातचीत में बताया कि काउंसलिंग के दौरान दोनों ने अपनी गलतफ हमियां दूर की और साथ रहने को राजी हुए हैं। आयोग के लिए यह खुशी की बात है कि एक परिवार टूटने से बच गया।
संवाद से समाधान संभव सुमन
टेलीफोनिक तलाक से परेशान बीवी 498 की कार्रवाई के लिए आई थी कि मुझे घर में जगह मिले। आपसी समझाइश के बाद दोनो ने गलती मानी और आपसी गलतफ हमी को दूर किया। हस्ताक्षर दस्तावेज तैयार कर सुलह हो गई और बच्चों को साथ ले गए। मेरा मानना है कि कोर्ट-कचहरी, पुलिस थानों में जाने से मामला बनने के बजाए ज्यादा बिगड़ता है। आयोग में मैने यही अनुभव किया कि दिलों के मामले पुलिस और कोर्ट कचहरी से दूर रहकर सुलझाएं तो सफलता मिलती है। अक्सर पारिवारिक मामलों में बगैर तहकीकात मनमुटाव होता है और कम्युनिकेशन गैप से दूरियां बढ़ती है। मेरा तो यह मानना है कि संवाद से समाधान संभव है।
Bureau Report
Leave a Reply