कानपुर: तीन तलाक पर छिड़ी बहस के बीच उत्तर प्रदेश में मुस्लिम समुदाय का एक बड़ा वर्ग इसके खिलाफ खड़ा हो गया है। राज्य में अब तक करीब तीन लाख मुस्लिम परिवारों ने तय किया है कि वे तीन तलाक देने वाले शख्स से अपनी बहन या बेटी की शादी नहीं करेंगे। इन परिवारों ने प्रमुख इस्लामी संगठन जमात-ए-इस्लामी हिंद को यह आश्वासन लिखकर सौंपा है।
संगठन की महिला विंग प्रदेश भर में तीन तलाक के खिलाफ घर-घर अभियान चला रही है। इसकी शुरुआत 23 अप्रैल को हुर्इ थी आैर यह सात मर्इ तक चलेगा। इससे पहले आॅल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लाॅ बाेर्ड ने बेवजह तीन तलाक देने वालों के सामाजिक बहिष्कार की घोषणा की थी। इसके लिए कोड आॅफ कंडक्ट भी जारी किया था।
मस्जिद एप के जरिए बहिष्कार
तीन तलाक के खिलाफ जागरूकता के लिए मस्जिदों के इमामों से संपर्क किया जा रहा है। एंड्राइड एप भी तैयार किया है, जो शरीयत के कानून आैर तीन तलाक को बेजा बताने वाले नियम बताता है।
पीड़ित महिलाआें के लिए फंड
तीन तलाक की शिकार महिलाआें के लिए फंड भी जुटाया जा रहा है। इस फंड से एेसी महिलाआें की मदद होगी, जो कि तीन तलाक के बाद बेसहारा हो चुकी हैं।
बराबरी का जमाना
बराबरी का जमाना है, तीन तलाक का दis being runस्तूर बंद करना जरूरी है। अतिया, सिद्दीकी, राष्ट्रीय महासचिव, जमात ए इस्लामी हिंद की महिला विंग।
Bureau Report
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