नईदिल्ली: पाकिस्तान सेना द्वारा जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर दो भारतीय जवानों के शव क्षत-विक्षत करने पर देश में उपजे आक्रोश के बीच विदेश सचिव डॉ. एस.जयशंकर ने बुधवार को पड़ोसी मुल्क के उच्चायुक्त अब्दुल बासित को तलब किया। बासित के सामने इस बर्बरता कार्रवाई के लिए दोषी पाकिस्तानी सैनिकों और एरिया कमांडरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की।
विदेश सचिव ने उच्चायुक्त को मंत्रालय में तलब कर इस घृणित कार्रवाई पर भारत के आक्रोश से अवगत कराया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने ट्वीट करके कहा कि विदेश सचिव ने उच्चायुक्त को तलब किया, उन्हें भारत के आक्रोश से अवगत कराया और इस कार्रवाई के लिए जिम्मेदार पाक सैनिकों और एरिया कमांडरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
बागले ने कहा कि विदेश सचिव ने पाकिस्तानी उच्चायुक्त को बताया कि बट्टल सेक्टर में यह घटना होने से पहले नियंत्रण रेखा पार से पाकिस्तानी चौकियों से उन्हें कवर फायर दिया गया था। उन्हें यह भी बताया गया कि शहीद भारतीय जवानों के खून के नमूने लिए गए है और जांच में पाया गया कि घटनास्थल से रोजा नाला तक वे खून के निशान मिलें हैं, जिससे साबित होता है कि हत्या करने वाले नाला पार करके पाकिस्तान के कब्जे वाले इलाके में लौटे हैं।
उन्होंने कहा कि विदेश सचिव ने बासित से मांग की कि पाकिस्तान इस घृणित कृत्य के जिम्मेदार सैनिकों और कमांडरों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करे। सेना के सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान ने सोमवार को सुबह 8.40 मिनट पर नियंत्रण रेखा से लगते कृष्णा घाटी सेक्टर में संघर्ष विराम का उल्लंघन कर अग्रिम चौकियों पर राकेट तथा मोर्टारों से हमला किया और इसी दौरान भारतीय सीमा में करीब 250 मीटर अंदर छिपी बैठी पाकिस्तान बार्डर एक्शन टीम (पाकिस्तानी सेना और आतंकवादियों की मिली जुली टीम) ने गश्त कर रहे।
भारतीय जवानों के दल पर घात लगाकर हमला किया जिसमें सेना के नायब सूबेदार परमजीत सिंह और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के हेड कांस्टेबल प्रेम सागर शहीद हो गए तथा जवान राजेन्द्र सिंह घायल हो गया। दोनों शहीद जवानों के शव क्षत-विक्षत हालत में पाए गए। हमले के समय सेना और बीएसएफ का दस जवानों वाला एक संयुक्त दल गश्त लगाते हुए घने जंगल वाले क्षेत्र से एक चौकी से दूसरी चौकी की ओर जा रहे था।
Bureau Report
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