रीवा: बांधवगढ़ की जमीन के विवाद में घिरे केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के पति जुबिन फरदून ईरानी को लेकर एक और खुलासा हुआ है। जुबिन के नाम पर जमीन की रजिस्ट्री रीवा के पते पर की गई थी, जबकि वे मुंबई में रहते हैं। उन्होंने यह जमीन विधानसभा उपाध्यक्ष राजेंद्र कुमार सिंह के चचेरे भाई से खरीदी है। अब बांधवगढ़ में कारोबार शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं।
सरकारी रिकार्डों के अनुसार जुबिन र्इरानी ने खुद के नाम पर मानपुर (बांधवगढ़) तहसील के बिझहरिया ग्राम में करीब ढाई एकड़ जमीन खरीदी है। इस भूमि की रजिस्ट्री में जुबिन का पता एमआईजी 1/06/81 इंदिरा नगर रीवा दर्ज है। ये घर दिवंगत भाजपा नेता व पूर्व सांसद चंद्रमणि त्रिपाठी का है, जहां उनका परिवार रहता है।
हैरानी की बात तो यह है कि इसी पते पर मर्कज हास्पिटिलिटी प्रा. लिमिटेड की भी रजिस्ट्री हुई है, जबकि जुबिन की ओर से कहा जा रहा है कि मर्कज में उनका सीधा दखल नहीं है बल्कि वे केवल निवेशक की भूमिका में हैं। मर्कज हास्पिटिलिटी के नाम पर बांधवगढ़ के ही कुचवाही में जमीन खरीदी गई है, जिसमें स्कूल की जमीन पर कब्जे के आरोप भी लगे हुए हैं।
कभी नहीं आया र्इरानी परिवार: जमीन की रजिस्ट्री में पते के तौर पर भले ही पूर्व सांसद के घर का नंबर दर्ज है, लेकिन स्मृति ईरानी या उनका परिवार कभी भी रीवा नहीं आया। त्रिपाठी राजनीतिक व्यक्ति थे, इसलिए पहले भी बहुत लोगों का आना-जाना था। लेकिन मंत्री स्मृति या उनके पति जुबिन को न तो यहां कभी देखा और न ही उनके आने के बारे में ही सुना।
पुष्पेन्द्र ने बेची जमीन: इस मामले में रीवा के पुष्पेंद्र सिंह का जुबिन से जुडऩा भी दिलचस्प है। उनके नाम बिझहरिया में करीब ढाई एकड़ जमीन थी, जिसका सौदा जुबिन से हुआ था। उनके द्वारा जुलाई 2016 में उक्त जमीन की रजिस्ट्री जुबिन के पक्ष में कराई जा चुकी है। ज्ञात हो कि पुष्पेंद्र निवासी नरेंद्रनगर विधानसभा उपाध्यक्ष राजेंद्र कुमार सिंह के चचेरे भाई हैं।
ऐसे जुड़ा रीवा कनेक्शन: ईरानी परिवार का रीवा से कोई सीधा संबंध नहीं है। केवल राजनीतिक जुड़ाव और स्टाफ की वजह से रीवा का कनेक्शन जुड़ गया। सूत्रों ने बताया कि दिवंगत भाजपा नेता चंद्रमणि त्रिपाठी जब सांसद थे तो स्मृति ईरानी और उनके सरकारी आवास दिल्ली में अगल-बगल थे। इस नाते उनके संपर्क थे। बताया गया है कि त्रिपाठी के सरकारी स्टाफ में विजय गुप्ता शामिल थे, जो ईरानी को प्रभावित करने में काफी सफल रहे। त्रिपाठी के निधन के बाद विजय गुप्ता स्मृति के स्टाफ में आ गए। वर्तमान में वे स्मृति के ओएसडी हैं। उन्होंने ही स्मृति और उनके परिवार का रीवा संपर्क जोड़ा।
Bureau Report
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