बांसवाड़ा में उपद्रव के बाद स्थिति तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में, कर्फ्यू में फिलहाल ढील नहीं

बांसवाड़ा में उपद्रव के बाद स्थिति तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में, कर्फ्यू में फिलहाल ढील नहींबांसवाड़ा: राजस्थान के बांसवाड़ा शहर में एक धार्मिक स्थल पर कब्जे को लेकर हुए उपद्रव के बाद शुक्रवार को लगाए गए कर्फ्यू में कोई ढील नहीं दी गई है, लेकिन स्थिति तनावपूर्ण एवं नियंत्रण में हैं। पुलिस महानिरीक्षक आनंद श्रीवास्तव ने बताया कि प्रशासन ने स्थिति को देखते हुए फिलहाल कर्फ्यू में ढील नहीं देने का निर्णय लिया हैं। उन्होंने बताया कि इस मामले में चार पुलिसकर्मियों सहित तीन दर्जन से अधिक लोगों को चोटें आई हैं। 

पुलिस ने अभी तक 35 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया हैं। गौरतलब है कि शहर के कोतवाली थाना क्षेत्र में खाटवाडा एवं गोरखईमली में गुरूवार रात्रि दो समुदायों में हुए विवाद के बाद पुलिस ने धारा 144 लगाई थी। इसके बाद शुक्रवार दोपहर फिर हुई ङ्क्षहसा एवं आगजनी के बाद अनिश्चिकालीन कर्फ्यूलगा दिया गया था। 

ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री धनसिंह रावत इस मामले में दोनों समुदाय के मौतबीरों को बुलाकर कर समझाईश करने का प्रयास कर रहे हैं। पुलिस महानिरीक्षक आनंद श्रीवास्तव, जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद, जिला पुलिस अधीक्षक कालूराम रावत एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गणपत महावर सहित आलाअधिकारी मौके पर मौजूद हैं तथा स्थिति पर पूर्ण निगाह रख रहे हैं। 

शांति संदेश लेकर मार्च निकाल रहे आईजी पर हमला

बांसवाड़ा के खांटवाड़ा इलाके में धार्मिक स्थल को लेकर गुरुवार देर रात दो पक्षों में हुआ तनाव बढ़ता जा रहा है। तनाव के दौरान गुरुवार और शुक्रवार को बीस से भी ज्यादा वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। शुक्रवार शाम जब माहौल कुछ शांत हुई तो आईजी आनंद श्रीवास्तव दल-बल सहित शांति मार्च लेकर निकले। माइक से उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। इसी दौरान उन पर हमला कर दिया गया। छतों से पत्थर फेंके गए और बाद में पत्थर फेंकने वाले लोग गायब हो गए। इससे पहले ही एक महिला पुलिस अफसर के ऊपर तलवार से हमला कर तीन अंगुलियां काट दी गई थीं। 

धार्मिक स्थल को लेकर साल 1998 से विवाद

आईजी आनंद श्रीवास्तव ने बताया कि फिलहाल पुलिस बल पूरे शहर में लगा हुआ है। करीब तीन हजार से भी ज्यादा पुलिसकर्मियों को लगाया गया है। सत्तर से भी ज्यादा लोगों के खिलाफ नामजद मामला दर्ज कर लिया गया है और यह संख्या बढ़ रही है। दोनों पक्ष एक दूसरे की गिरफ्तारी के बाद ही शांति बरतने की कह रहे हैं। इस बीच शांति मार्च भी निकाला गया। दोपहर के बाद एक बार फिर से आईजी अपनी पूरी टीम के साथ शांति मार्च को निकलने की तैयारी कर रहे हैं। इस मार्च में अगर कुछ होता है तो संभव है पुलिस बड़ा एक्शन ले सकती है। कालिका माता इलाके में धार्मिक स्थल को लेकर साल 1998 से विवाद है। गुरुवार रात करीब ग्यारह बजे विवादित स्थान पर दूसरे समुदाय से उनका विवाद हो गया। इसके बाद देखते ही देखते तनाव के हालात पैदा हो गए।

Bureau Report

 

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