जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने शुक्रवार को ग्राम पंचायत सहायक भर्ती 2017 से रोक हटाने के आदेश दिए। कोर्ट ने राज्य सरकार की भर्ती प्रक्रिया और विज्ञापन को सही मानते हुए भर्ती प्रक्रिया को सही ठहराया।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद करीब तीस हजार भर्तियों का रास्ता साफ हो गया। राजस्थान हाईकोर्ट ने जनवरी में भर्ती प्रक्रियाओं के खिलाफ दायर आधा दर्जन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए रोक लगा दी थी।
याचिकाओं में ग्राम पंचायत स्तर पर भर्तियां किए जाने, आरक्षण नियमों की पालना नहीं करने के साथ ही अधिकतम आयुसीमा तय नहीं किए जाने के आधार पर चुनौती दी थी।
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आरपीएससी ने हाईकोर्ट को आश्वासन दिया है कि भर्ती परीक्षाओं में एसबीसी अभ्यर्थियों के ओबीसी अभ्यर्थियों से अधिक कट-ऑफ आने पर उन्हें ओबीसी में शामिल किया जाएगा। इसके लिए आयोग में प्रक्रिया विचाराधीन है।
कोर्ट ने आरपीएससी के इस बयान को रिकॉर्ड पर लेकर एलडीसी भर्ती-2013 के याचिकाकर्ताओं को ओबीसी श्रेणी में शामिल करने के निर्देश दिए हैं। न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा ने यह आदेश प्रार्थी महेंद्र सिंह गुर्जर व अन्य की याचिकाओं को निपटाते हुए दिए।
नेपाल सिंह का मामले का संदर्भ
कोर्ट को बताया गया कि याचिकाकर्ताओं के ओबीसी श्रेणी से अधिक कट-ऑफ हैं, लेकिन एसबीसी आरक्षण रद्द होने के कारण उन्हें अनारक्षित श्रेणी में शामिल किया जा रहा है। जबकि कोर्ट नेपाल सिंह व अन्य के मामले में एेसे एसबीसी अभ्यर्थियों को ओबीसी में मानने के आदेश दे चुका है।
इस पर कोर्ट ने आयोग से एेसे मामले में स्पष्ट रुख बताने को कहा और साथ ही पूछा कि क्या आयोग नेपाल सिंह मामले के आदेश की पालना करेगा या नहीं ?
कोर्ट ने कहा कि जानकारी के अनुसार आयोग ने अब तक नेपाल सिंह के मामले में आदेश के खिलाफ अपील नहीं की है तो फिर आरपीएससी विवादों की संख्या क्यों बढ़ा रही है। इस पर आरपीएससी ने जवाब दिया कि एसबीसी के अभ्यर्थियों को ओबीसी में मानने पर विचार किया जा रहा है।
Bureau Report
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