नईदिल्ली: भारत की यात्री मोबिलिटी को शेयर्ड, इलेक्ट्रिक और कनेक्टेड बनाने से वर्ष 2030 में देश में ईंधन विशेषकर डीजल और पेट्रोल की मांग में 64 फीसदी अर्थात 60 अरब डॉलर (3.9 लाख करोड़ रुपए) की कमी आएगी और इससे कार्बन उत्सर्जन भी 34 फीसदी घटेगा।
नीति आयोग और रॉकी माउंटेन इंस्टीट्यूट द्वारा इंडिया लीप्स अहेड: ट्रांसफोर्मेटिव मोबिलिटी सोल्सूशंस फॉर ऑल शीर्षक से जारी रिपोर्ट में यह बात कही गई है। नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने कहा कि विभिन्न एजेंसियों और मंत्रालयों के साथ मिलकर यात्री मोबिलिटी को सरल बनाना चुनौतीपूर्ण है, लेकिन इस दिशा में काम जारी है।
रिपोर्ट में मोबिलिटी में भारी बदलाव लाए जाने की वकालत करते हुए कहा गया है कि इसके लिए सिस्टम इंटीग्रेशन की जरूरत होगी, जहां मोबिलिटी को सेवा के तौर पर देखा जाना चाहिए और परिवहन के सभी डाटा इंटरपोर्टेबल होने चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली संस्था नीति आयोग ने ईंधन की बचत और प्रदूषण पर लगाम कसने के मकसद से डीजल और पेट्रोल वाहनों के रजिस्ट्रेशन को भी सीमित करने का सुझाव दिया है।
आयोग ने डीजल और पेट्रोल वाहनों के रजिस्ट्रेशन को लॉटरी पर आधारित करने का सुझाव दिया है, जबकि इलेक्ट्रिक व्हीकल की सेल को बढ़ावा देने के लिए इनसेंटिव देने की सिफारिश की है।
Bureau Report
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