नईदिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने वामपंथी उग्रवाद का सफाया करने के लिए नक्सलियों के खिलाफ आक्रामक नीति तैयार करने पर बल देते हुए कहा कि उग्रवादी घटना घटित हो जाने के बाद जवाबी कार्रवाई से बेहतर होगा कि सुरक्षाकर्मी पहले से सक्रिय रहें।
सिंह छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में 24 अप्रेल को उग्रवादियों के हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के 25 जवानों के शहीद होने की घटना के बाद नक्सलियों से निपटने के लिए समग्र एवं समन्वित नीति तैयार करने पर नक्सल प्रभावित दस राज्यों के मुख्यमंत्रियों और शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों की यहां आयोजित बैठक को संबोधित कर रहे थे ।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए सिंह ने कहा कि हमें वामपंथी उग्रवाद के कैंसर को जड़ से समाप्त करने के लिए नीति और रणनीति तैयार करने तथा सुरक्षा बलों की तैनाती और आपरेशन में आक्रामक रूख अपनाना पड़ेगा। हमें इस बात पर विचार करने की जरूरत है कि क्या हम उग्रवादी घटनाओं के घटित हो जाने के बाद ही जवाबी कार्रवाई करेंगे या पहले से सक्रिय भूमिका निभाएंगे।
नक्सलियों के वित्तीय स्रोतों को पूरी तरह बंद करने की जरूरत बताते हुए ङ्क्षसह ने कहा कि उनके खिलाफ लड़ाई में यह मूल मंत्र है क्योंकि पैसे से उनके पास हथियार और गोले बारूद तथा खाना-पीना आता रहेगा । अद्र्र्धसैनिक बलों और जिला पुलिस को समन्वित नीति और योजना के तहत काम करने की सलाह देते हुए गृह मंत्री ने कहा कि सबसे जरूरी चीज यह है कि अधिकारियों को अग्रिम मोर्चे पर डटकर कमान संभालनी होगी। दिल्ली, रांची और रायपुर में बैठकर इस अभियान में सफलता नहीं हासिल की जा सकती है। वामपंथी उग्रवाद से निपटने के लिए एकीकृत समन्वय एवं कमान की जरूरत पर जोर देते हुए सिंह ने कहा कि ऑपरेशन और रणनीतिक स्तर पर भी एकीकृत कमान की आवश्यकता है ।
Bureau Report
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