कॉक्स/बाजार/बंगलादेश: बांग्लादेश के तटीय क्षेत्रों में मंगलवार को आए चक्रवाती तूफान ‘मोरा’ के कारण कम से कम 3 लाख 50 हज़ार लोगों को अपना घर छोडऩे पर मजबूर होना पड़ा है। अधिकारियों ने बताया कि इस तूफान के कारण म्यांमार में हुई हिंसा के बाद रोहिंग्या मुस्लिमों के लिए बनाए गए शरणार्थी शिविरों को काफी नुकसान पहुंचा है।
चक्रवाती तूफान ‘मोरा’ बांग्लादेश के तटीय जिले कॉक्स बाजार के सेंट मार्टिन और तेकनाफ द्वीप से टकराया। तूफान के बाद लगभग 2 लाख लोगों को विभिन्न राहत शिविरों में ठहराया गया है।
तूफान के कारण चटगांव जिले में लगभग 1 लाख 50 हज़ार लोगों को अपना घर छोडऩे के लिए मजबूर होना पड़ा है। रोहिंग्या मुस्लिमों के लिए बनाए गए शरणार्थी शिविर म्यांमार की सीमा से केवल कुछ मील ही दूर हैं। रोहिंग्या समुदाय के एक नेता शमसुल आलम ने बताया कि तूफान ‘मोरा’ के कारण बालूखाली और कुटुपलोंग में सभी 10 हजार झोपड़ियों को भारी नुकसान पहुंचा है।
रोहिंग्या मुस्लिम समुदाय के नेता शमसुल आलम ने कहा कि इस तूफान के कारण ज्यादातर अस्थायी घरों को भारी नुकसान पहुंचा है। चटगांव में मौसम विभाग के एक अधिकारी शमसुद्दीन अहमद के अनुसार अनुमान के मुताबिक इस तूफान का खतरा कम रहा है।
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक चक्रवाती तूफान ‘मोरा’ भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को छुते हुए केरल तक पहुंचेगा, जिसके कारण इन राज्यों में भारी बारिश के आसार हैं। केरल में आज ही मानसून के पहुंचने की संभावना है।
आम तौर पर मानसून पहले केरल पहुंचता है, लेकिन इस बार पहले ये पूर्वोत्तर के राज्यों में पहुंचेगा। मौसम वैज्ञानिकों ने ‘मोरा’ के कारण उत्तर पूर्वी राज्यों में 2.5 मिली मीटर बारिश की संभावना जताई है। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक आज दक्षिण अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, त्रिपुरा, नागालैंड और मिजोरम में भारी बारिश हो सकती है।
Bureau Report
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