जयपुर: पटना स्थित चाणक्य राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (एनएलयू) ने सोमवार रात कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (क्लेट) का परिणाम घोषित किया। रिजल्ट में जयपुर के होनहार रजत मालू ने पहली रैंक की। रजत ने 196 में से 154.25 अंक हासिल किए हैं। टॉप-10 में शहर की बेटी सानिया अब्बासी ने 147.25 अंक के साथ सातवां स्थान हासिल किया। जानकारी के मुताबिक, राजस्थान (जोधपुर) की ही राधिका सारड़ा ने भी टॉप टेन में अपनी जगह बनाई है। राधिका ने 148.5 अंक हासिल किए हैं। उनका तीसरा स्थान है। जयपुर के सौमिल झंवर ने 32वीं, सात्विक खत्री ने 57वीं रैंक हासिल की है। एक्सपट्र्स का कहना है कि इस बार ओवरऑल पेपर ट्रिकी होने के बावजूद स्टूडेंट्स का ऐसा रिजल्ट वाकई सराहनीय है। उल्लेखनीय है कि देशभर से 50 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स ने एग्जाम दिया।
साइंस-मैथ्स में इंटरेस्ट नहीं था
एग्जाम के दौरान रेगुलर स्टडी पर फोकस किया। यह मेरा पहला अटेम्प्ट था। लिहाजा हर पहलू पर कॉन्संट्रेट कर रखा था। मैथ्स पहले से ठीक थी, इसलिए जीके को बेहतर बनाने में जुटा रहा। शुरू से एवरेज स्टूडेंट था। बोर्ड एग्जाम में लगभग 75 परसेंट ही माक्र्स थे, उस दौरान निराशा तो हुई, लेकिन पैरेंट्स के सपोर्ट ने दोबारा कुछ करने की ललक पैदा कर दी। पिता ने पूरा सपोर्ट किया और अपनी आंतरिक शक्ति को पहचानने के लिए कहा। कुछ ही दिनों में मुझे समझ में आ गया कि साइंस और मैथ्स में मेरा इंटरेस्ट नहीं है। हालांकि मैथ्स अच्छी थी, पर अपने आप को एनालाइज करना जरूरी है। मुझे लॉ शुरू से ही पसंद थी। मेरा मानना था कि मॉरल राइट्स के लिए लॉ एक बड़ा हथियार है, धीरे-धीरे इस सब्जेक्ट में इंटरेस्ट बढ़ा और इंजीनियरिंग से फोकस हटाकर मैंने लॉ में कॅरियर बनाने की ठान ली। मुझे बैडमिंटन खेलना, गिटार बजाना और नॉवल पढऩा काफी पसंद है। नॉवल पढऩे की आदत ने भी एग्जाम में काफी मदद की।
क्लास के पहले दिन एफबी आईडी डिलीट कर दी थी
सानिया अब्बासी ने बताया कि लगभग 10 साल पहले पापा दानिश अब्बास का हार्ट अटैक से देहांत हो गया था। उनके बाद मां सलीना ने उनकी जिम्मेदारी उठाई। वे प्राइवेट स्कूल में टीचर हैं और बेटी की इस सफलता पर गौरवान्वित हैं। सानिया ने कहा कि क्लैट को क्रैक करने के लिए फोकस बहुत जरूरी है। मैंने 12वीं साइंस से पास की थी। इसलिए मुझे लॉ के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी, लेकिन मैंने पिछले साल क्लैट दिया तो इसमें बेहतर परफॉर्म किया। फिर टॉप करने के लिए मैंने एक साल ड्रॉप कर तैयारी की। इस बार पूरे फोकस के साथ कोचिंग गई तो पहले ही दिन फेसबुक अकाउंट डिलीट कर दिया। स्मार्टफोन सिर्फ जीके की एप्स और फोन कॉल के लिए इस्तेमाल करती। एग्जाम में लीगल सबसे बड़ी चुनौती थी, जिसे टीचर की मदद से मैंने ओवरकम किया। भविष्य में मैं पॉलिटिशियन बनना चाहती हूं।
Bureau Report
Leave a Reply