नईदिल्ली: छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सलवादी हमले में सीआरपीएफ जवानों की मौत के बाद सोशल मीडिया पर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह की आलोचना करने वाले सीआरपीएफ के एक जवान पंकज कुमार मिश्रा ने गुरुवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है।
पंकज ने अपनी याचिका में आत्मसमर्पण करने की इच्छा जाहिर की है और अपनी जान की सुरक्षा की मांग की है। कुमार ने दावा किया है कि सीआरपीएफ ने उसे बंदी बना रखा था। कुमार ने न्यायालय को बताया कि वह अपनी बटालियन से इसलिए भागा, क्योंकि उसे अपनी जान का खतरा महसूस हुआ।
कुमार ने अदालत से कहा कि वह आत्मसमर्पण करना चाहता है और समर्पण के बाद अपनी जान की सुरक्षा चाहता है। न्यायाधीश आशुतोष कुमार ने सीआरपीएफ के महानिदेशक से कुमार का आत्मसमर्पण स्वीकार करने और मामले को कानून के मुताबिक निपटाने के लिए कहा।
अदालत ने कुमार से सीआरपीएफ के महानिदेशक के समक्ष शनिवार तक रिपोर्ट करने के लिए कहा और सीआरपीएफ को कुमार के साथ मारपीट न करने की हिदायत भी दी।
पश्चिम बंगाल दुर्गापुर में सीआरपीएफ की 221वीं बटालियन में तैनात कुमार ने सुकमा हमले में अपने एक रिश्तेदार अभय कुमार की मौत के बाद फेसबुक पर एक वीडियो जारी किया था।
कुमार ने इस वीडियो में कहा था, ”उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि ये सीआरपीएफ के जवान अमित शाह जैसे नेताओं को सुरक्षा प्रदान करते हैं। हमने मोदीजी को वोट दिया है न कि भाजपा को। और राजनाथ सिंह जैसे नेता प्रधानमंत्री को बरगला रहे हैं।”
कुमार ने वीडियो के जरिए राजनाथ से नक्सली हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के जवानों के परिवार वालों से मिलने का अनुरोध भी किया था।
Bureau Report
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