नईदिल्ली: साल 2002 में गुजरात में हुए मुसलमानों के जनसंहार को अब मुस्लिम विरोधी दंगा नहीं कहा जाएगा। इसके लिए NCRT की 12वीं कक्षा की किताबों में इसे बदलने की तैयारी कर ली गई है। इस बदलाव के बाद 15 साल पहले गुजरात में हुए दंगे को अब गुजरात दंगा के नाम से पहचाना जाएगा। और इसे एंटी मुस्लिम दंगा नहीं कहा जाएगा।
अंग्रेजी अखबार हिन्दुस्तान टाइम्स के मुताबिक बदलाव का फैसला कोर्स रिव्यू कमेटी की बैठक के बाद लिया गया। फिलहाल CBSE की 12वीं कक्षा की राजनीति विज्ञान की किताब Politics in India since Independence की किताब में पढ़ाया जाता है। जो कि पेज नंबर 187 पर एक चैप्टर Anti-Muslim riots in Gujarat नाम से मौजूद है। लेकिन एस फैसले के बाद अब इसके शीर्षक को बदल दिया जाएगा।
इस किताब में गुजरात के मुस्लिम विरोधी दंगे का चैप्टर 2007 में शामिल किया गया था। तब केंद्र में यूपीए गठबंधन की सरकार थी। फिलहाल अब केंद्र में बीजेपी की अगुवाई वाली राजग सरकार है। जहां कोर्स रिव्यू कमेटी की बैठक में इस पर सहमति बन चुकी है।
वहीं माना जा रहा है कि साल के अंत तक नए प्रिंट वाली किताब बाजार में उपलब्ध करा दी जाएंगी। ध्यान हो कि साल 2002 में गुजरात में हुए इस दंगे में कम से कम एक हजार से अधिक मुसलमान मारे गए थे और हजारों मुस्लिम परिवार को विस्थापन का दंश झेलना पड़ा था।
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