नई दिल्ली.यूनियन स्पोर्ट्स मिनिस्टर विजय गोयल ने कहा है कि आतंकवाद और खेल साथ नहीं चल सकते। गोयल ने ये बात दुबई में BCCI और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) की मीटिंग से पहले कही। BCCI के रवैये पर नाराजगी जताते हुए गोयल ने कहा- बोर्ड को प्रपोजल देने से पहले सरकार से बात कर लेनी चाहिए थी। स्पोर्ट्स मिनिस्टर ने कहा- भारत और पाकिस्तान के बीच बाइलेटरल सीरीज तब तक नहीं हो सकती, जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को पनाह देना बंद नहीं कर देता।
और क्या कहा गोयल ने…
– विजय गोयल ने भारत और पाकिस्तान के बीच फिलहाल, किसी भी बाइलेटरल क्रिकेट सीरीज की संभावना को साफ तौर पर नकार दिया। कहा- जब तक क्रॉस बॉर्डर टेरेरिज्म बंद नहीं किया जाता, तब तक दोनों देशों के बीच कोई सीरीज नहीं हो सकती।
अहम वक्त पर बयान
– गोयल के बयान की टाइमिंग काफी अहम कही जा सकती है। दरअसल, अाज ही बीसीसीआई और पीसीबी के बीच दुबई में बाइलेटरल सीरीज प्रोग्राम को लेकर मीटिंग है। ऐसे में सरकार के सख्त रुख की वजह से किसी भी सीरीज का तय होना अब मुश्किल ही है।
– दोनों देशों के बीच 2012 से कोई बाइलेटरल सीरीज नहीं हुई है। इसकी वजह दोनों देशों के बीच लगातार जारी तनाव है।
– न्यूज एजेंसी से बातचीत में गोयल ने कहा, “बीसीसीआई के जिम्मेदारी है कि वो पाकिस्तान को कोई भी प्रपोजल देने के पहले सरकार की इजाजत लेती। मैं अब ये साफ कर देना चाहता हूं कि जब तक क्रॉस बॉर्डर टेरेरिज्म बंद नहीं होता तब तक, दोनों देशों के बीच कोई भी बाइलेटरल सीरीज नहीं होगी। लेकिन, हमने मल्टीलेटरल यानी आईसीसी के टूर्नामेंट्स में एक-दूसरे के खिलाफ खेलने से इनकार नहीं किया है।”
PCB भेज चुका है लीगल नोटिस
– दरअसल, बीसीसीआई और पीसीबी के बीच ढाई साल पहले बातचीत में सहमति बनी थी कि दोनों देशों की टीमें 2015 से 2023 के बीच पांच बाइलेटरल सीरीज खेलेंगी। पाकिस्तान का दावा है कि एमओयू साइन हुआ था, जबकि बीसीसीआई के मुताबिक, सिर्फ सहमति बनी थी। कोई करार नहीं हुआ।
– पीसीबी ने कथित एमओयू को तोड़ने के लिए लीगल नोटिस भेजा और हर्जाने के तौर पर 60 मिलियन (करीब 387 करोड़ रुपए) मांगे।
– माना जाता है कि बीसीसीई सेक्रेटरी अमिताभ चौधरी की अगुआई में दुबई गई टीम पीसीबी ऑफिशियल्स को ये समझाने की कोशिश करेगी कि जब तक सरकार की इजाजत नहीं होगी तब तक, बाइलेटरल सीरीज नहीं हो सकती। लिहाजा, पाकिस्तान केस वापस ले ले।
– हालांकि, अगर पीसीबी ऐसा नहीं करती तो हर्जाने पर फैसला लेना होगा। यहां ये जानना दिलचस्प होगा कि पीसीबी की आर्थिक हालत बेहद खस्ता है। अगर भारत सीरीज खेलने तैयार होता है तो उनको काफी फायदा होगा। बता दें कि 9 साल पहले पाकिस्तान में श्रीलंका की क्रिकेट टीम पर आतंकी हमला हुआ था। इसके बाद से कोई भी बड़ी विदेशी टीम वहां सीरीज खेलने नहीं गई।
Bureau Report
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