नईदिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता हाईकोर्ट के जस्टिस सीएस करनन को अवमानना का दोषी करार दिया है। शीर्ष अदालत ने उन्हें 6 महीने कैद की सजा सुनाई है। यह सजा सुप्रीम कोर्ट की सात जजों की संविधान पीठ ने सुनाई है। यही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के डीजीपी को जस्टिस कर्णन को तुरंत गिरफ्तार कर जेल भेजने का आदेश भी दिया है।
कोर्ट ने मीडिया के लिए भी आदेश जारी किया है कि वह जस्टिस कर्णन का बयान नहीं चलाएगा। गौरतलब है कि जस्टिस कर्णन ने सोमवार को सीजेआई और उनके 6 साथी जजों को एससी-एसटी एक्ट के प्रावधानों के तहत दोषी करार देते हुए पांच साल की सजा के आदेश दिए हैं।
इतिहास में पहली बार किसी वर्तमान जज के खिलाफ इस प्रकार की कारवाई की गई है। इससे पहले 1 मई को सुप्रीम कोर्ट के सात जजों की संविधान पीठ ने जस्टिस कर्णन की मानसिक जांच के लिए मेडिकल बोर्ड के गठन के आदेश दिए थे और कहा था कि कोलकाता के सरकारी अस्पताल का मेडिकल बोर्ड चार मई को जस्टिस कर्णन की जांच करेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के डीजीपी को मेडिकल बोर्ड की मदद के लिए पुलिस टीम बनाने के निर्देश दिए थे। मेडिकल बोर्ड को 8 मई तक रिपोर्ट सौंपनी थी, लेकिन जस्टिस कर्णन ने जांच से इंकार कर दिया और सातों जजों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने के आदेश दिए थे।
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि देश की कोई भी कोर्ट या ट्रिब्यूनल 8 फरवरी के बाद जारी किए गए जस्टिस कर्णन के आदेश पर संज्ञान ना लें। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद कोर्ट में जस्टिस कर्णन पेश नहीं हुए थे।
Bureau Report
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