जोधपुर: राजस्थान के बहुचर्चित भंवरी देवी हत्याकांड में इंद्रा विश्नोर्इ को एटीएस ने गिरफ्तार कर लिया है। मामले में इंद्रा की गिरफ्तार को बड़ी कामयाबी माना जा रहा है। माना जा रहा है कि इंद्रा के गिरफ्त में आने से इस मामले से जुड़ी कर्इ आैर परतें खुल सकती हैं। हालांकि छह साल से पुलिस, एटीएस आैर सीबीआर्इ को चकमा देने में कामयाब रही इंद्रा ने फरारी के दौरान क्या किया ये भी बड़ा सवाल है?
दरअसल, इंद्रा को देवास से गिरफ्तार किया गया है। जहां पर वो नर्मदा नदी के तट के नजदीक रह रही थी। इंद्रा का परिवार काफी संपन्न है, लेकिन एटीएस की गिरफ्त में आर्इ इंद्रा गरीबी की जिंदगी जी रही थी। यहां तक की न उसके पास कोर्इ मोबाइल था आैर न ही एटीएम कार्ड। माना जा रहा है कि सुरक्षा एजेंसियों से बचने के लिए उसने ये रूप धरा था।
इंद्रा को अपने पास शरण देने वाला परिवार उससे परिचित था। जानकारी के मुताबिक यह परिवार करीब 50 साल पहले आकर देवास में बसा था। इन्द्रा के परिवार से ये काफी अच्छी तरह से परिचित था आैर यही कारण था कि इन्द्रा इनके पास जाकर रहने लगी थी।
कैसे मिली इंद्रा की खबर
उदयपुर की एटीएस चौकी को इन्द्रा के देवास में होने की सूचना मिली। करीब दो महीने तक अलग-अलग टीमें उसकी तलाश में जुटी रही। एटीएस के अधिकारियों के मुताबिक गरीबी में जीवन यापन करने के कारण आैर इंद्रा की काफी वक्त पहले की फोटो होने के कारण पहचान नहीं हो पा रही थी।
ये है मामला
भंवरी देवी आैर इन्द्रा के भार्इ पूर्व विधायक मलखान सिंह के रिश्ते जगजाहिर हो चुके हैं। भंवरी की एक बेटी का पिता मलखान साबित हो चुका है। वहीं कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे महिपाल मदेरणा की भंवरी के साथ सीडी थी। भंवरी, मलखान से अपनी बेटी का हक चाहती थी। इसे लेकर इंद्रा ने भंवरी को रोकने आैर मदेरणा सहित अन्य नेताआें की सीडी छीनने के लिए उसके अपहरण की साजिश रची थी। एक सितंबर 2011 को अपहरण के बाद में उसकी हत्या कर दी गर्इ थी। 3 दिसंबर 2011 में वह फरार हो गर्इ आैर कोर्ट ने अप्रैल 2012 में उसे भगोड़ा घोषित कर दिया।
Bureau Report
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