नईदिल्ली: जीएसएलवी मार्क-3 की लॉन्चिंग के लिए उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। सोमवार को शाम 5:28 बजे श्रीहरिकोटा से इसरो द्वारा लॉन्च किये जाने वाला भारी-भरकम जीएसएलवी मार्क-3 अन्य देशों के 4 टन श्रेणी के उपग्रहों को प्रक्षेपित करने की दिशा में भारत के लिए अवसर खोलेगा।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अध्यक्ष एस एस किरण कुमार ने कहा कि मिशन महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह अब तक का सबसे भारी रॉकेट और उपग्रह है, जिसे देश से छोड़ा जाना है।
भारत की धरती से अब तक का सबसे वजनी उपग्रह जीसैट 19 (3136 किलोग्राम) का प्रक्षेपण सोमवार शाम 5.28 बजे होगा। 640 टन वजनी जीएसएलवी मार्क-3 देश का अत्याधुनिक रॉकेट है, जो 4 टन वजनी उपग्रहों को जीटीओ और 10 टन वजनी उपग्रहों को पृथ्वी की कक्षा (एलईओ) में भेजने की योग्यता रखता है।
एलईओ में ही मानव मिशन भेजे जाते हैं, इसलिए मार्क-3 का पहला विकासात्मक उड़ान मानव मिशन के दृष्टिकोण से भी अहम है। इस रॉकेट के विकास से फ्रांसीसी रॉकेट एरियन पर इसरो की निर्भरता खत्म होगी और अंतरिक्ष कार्यक्रमों में न सिर्फ भारत आत्मनिर्भर हो जाएगा, बल्कि अरबों डॉलर के वैश्विक उपग्रह प्रक्षेपण कारोबार में धाक बढ़ेगी।
Bureau Report
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