पटना: राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद के पुत्र और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव एक बार फिर से नए मुश्किलों में घिर गए हैं। जहां पेट्रोल पंप की डीलरशिप को लेकर भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) ने एक नोटिस जारी किया है, और 15 दिनों के अंदर इसका जवाब देने को कहा गया है।
बीपीसीएल पटना के क्षेत्रीय प्रबंधक (रिटेल), मनीष कुमार की ओर से जारी नोटिस में तेजप्रताप को स्पष्ट कहा गया है कि बीपीसीएल ने पटना के अनीसाबाद में बेउर जेल के पास पेट्रोल पंप के आवंटन के लिए 10 दिसंबर, 2011 को आवेदन मंगवाए थे। इस पेट्रोल पंप के आवंटन के लिए तेजप्रताप ने भी आवेदन किया था। इस साल 27 फरवरी को तेजप्रताप को पेट्रोल पंप की डीलरशिप भी दे दी गई थी।
नोटिस में कहा गया है कि शिकायत है कि तेजप्रताप ने जिस जमीन के कागजात को दिखाकर डीलरशिप हासिल की है, उस जमीन का लीज (पट्टा) उन्हें नहीं दिया गया है। बीपीसीएल ने अपने नोटिस में इस पट्टेनामे पर सफाई मांगी है।
साथ ही कहा गया कि डीलरशिप देने के प्रावधानों के अनुसार डीलर कहीं भी नौकरी नहीं कर सकता है और उसके पास पेट्रोल पंप की व्यक्तिगत रूप से देखरेख करने का समय होना चाहिए। ऐसे में नोटिस में कहा गया है कि बिहार सरकार में मंत्री रहते हुए डीलरशिप की जिम्मेदारी कैसे निभाएंगे? तेजप्रताप को नोटिस का जवाब देने के लिए 15 दिनों का समय दिया गया है।
गौरतलब है कि इसके पहले बीजेपी नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आरोप लगाया था कि तेज प्रताप को 2011 में बेउर के पास न्यू बाइपास रोड पर भारत पेट्रोलियम का एक पेट्रोल पंप आवंटित किया गया था।
जिसके लिए पहले तेल कंपनी के एक अधिकारी के साथ सांठगांठ करके फर्जी कागजात तैयार किए गए। और जब 2011 में पेट्रोल पंप के लिए एक साक्षात्कार के लिए पेश हुए तब उनके पास न्यू बाइपास रोड पर 43 डिसमिल भूमि नहीं थी।
Bureau Report
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