नर्इदिल्ली: ब्रिटेन में प्रधानमंत्री टेरीजा मे को बड़ा झटका लगा है। मध्यावधि चुनावों में उनकी कंजर्वेटिव पार्टी संसद में बहुमत हासिल करने में नाकाम रही है। इसके बाद ब्रेग्जिट वार्ता से पहले अनिश्चितता की स्थिति पैदा हो गर्इ है। साथ ही टेरीजा मे पर इस्तीफे का दबाव बढ़ गया है। विपक्षी पार्टियों के एकजुट होने की स्थिति में उन्हें पद छोड़ना होगा।
कंजर्वेटिव पार्टी संसद में सर्वाधिक सीटें हासिल करने वाली पार्टी बनकर उभरी है। अभी तक 650 में से 645 सीटों के नतीजे आ गए हैं। इनमें कंजर्वेटिव पार्टी को 314, लेबर पार्टी को 261, स्काॅटिश नेशनल पार्टी को 35, लिबरल डेमोक्रेटस को 12, डेमोक्रेटस यूनियनिस्ट को 10 आैर अन्य को 13 सीटें मिली हैं। हालांकि चुनाव जीतने के लिए किसी भी पार्टी को 326 सीटें हासिल करने की जरूरत थी।
टेरीजा मे का दांव उल्टा पड़ने के बाद अब उन पर प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने का दबाव है। बावजूद इसके उन्होंने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया है। इन चुनावों में कंजर्वेटिव पार्टी को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। साथ ही लेबर पार्टी को कर्इ सीटों का फायदा हुआ है। 2015 में हुए चुनावों में कंजर्वेटिव पार्टी जबरदस्त जीत के साथ सत्ता में आर्इ थी। अगला चुनाव 2020 में होने वाला था, लेकिन ब्रेग्जिट पर आए जनमत संग्रह के बाद टेरीजा ने 19 अप्रैल को मध्यावधि चुनाव कराने का फैसला किया था।
विपक्षी लेबर पार्टी के नेता जेरमी काॅर्बिन का कहना है राजनीति बदल गर्इ है। मुझे नतीजों पर गर्व है। उन्होंने टेरीजा मे पर निशाना साधते हुए कहा कि वह जनादेश चाहती थीं आैर वे चुनाव हार गर्इ हैं।
Bureau Report
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