सेंट/पीटर्सबर्ग: पीएम नरेन्द्र मोदी और रुस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन गुरुवार को दोनों देशो का संयुक्त बयान जारी किया। जहां दोनों देशों के बीच परमाणु ऊर्जा डील समेत 5 अहम समझौते हुए। इस दौरान सबकी नजरें तमिलनाडु के कुडनकुलम में परमाणु उर्जा संयंत्र पर टिकीं थी। जहां रमाणु उर्जा संयंत्र की इकाई 5 और 6 के निर्माण को लेकर अहम करार हुए। साथ ही दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक लेन-देन पर भी कई महत्वपूर्ण करार हुए।
इस दौरान रुस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने कहा कि दोनों देशों के बीच का रिश्ता आपसी विश्वास पर आधारित है। इसके अलावा पाकिस्तान और बाकी देशों के साथ रुस के बढ़ते रिश्तों के कारण दोनों देशों के बीच का यह रिश्ता कभी कम नहीं होगा। पुतिन ने कहा कि दुनिया में भारत ही एक ऐसा देश है जिसके साथ रूस का मिसाइल जैसे संवेदनशील क्षेत्र में सहयोग जारी है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि दुनिया में आतंकवाद काफी तेजी से अपना सिर उठा रहा है। जिसे खत्म करना जरुरी है। इस दिशा में रुस का समर्थन हमेशा भारत के साथ रहेगा।
वहीं पीएम मोदी ने रूसी कंपनियों को संयुक्त उपक्रमों का निर्माण कर भारत में निवेश का आमंत्रण देते हुए कहा कि हालिया नीतिगत पहल के माध्यम से खासकर रक्षा उत्पादन क्षेत्र में उनके लिए अवसरों के द्वार खुल चुके हैं। दोनों देशों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) की बैठक को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि मैं रूसी कंपनियों को भारतीय कंपनियों के साथ संयुक्त उपक्रम शुरू करने के लिए आमंत्रित करता हूं। रक्षा क्षेत्र में हमने हाल में इस तरह की साझेदारी को सुविधा प्रदान के लिए कई नियम बनाए हैं।
उन्होंने कहा कि मैं रूसी कंपनियों से इस नीति पर गहनतापूर्वक गौर करने की अपील करता हूं, ताकि वह देख सकें कि इस नई नीति का वे किस प्रकार लाभ उठा सकते हैं। रणनीतिक साझेदारी नीति, योग्य भारतीय उद्योग कंपनियों के साथ दीर्घकालिक रणनीतिक साझेदारी की स्थापना का उल्लेख करता है, जिसमें भारतीय उद्योग साझेदार प्रौद्योगिकी स्थानांतरण और देश में विनिर्माण बुनियादी ढांचों का निर्माण की जानकारी तथा रक्षा विनिर्माण में आपूर्ति श्रृंखला के लिए वैश्विक उपकरण निर्माता के साथ साझेदारी करेंगे। इसे अंतिम रूप डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल ने 20 मई को दिया था।
गौरतलब है कि भारत को रक्षा उपकरणों का रूस पारंपरिक आपूर्तिकर्ता रहा है। वहीं पीएम मोदी ने बताया कि भारत में रूसी कंपनियों की संख्या पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ी है। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार वर्तमान में सात अरब डॉलर का है। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 70 सालों से दोनों देशों के बीच एक मजबूत रक्षा संबंध है। जिसको अब नई दिशा दी जा रही है।
Bureau Report
Leave a Reply