जयपुर/उदयपुर: मध्य प्रदेश के मंदसौर में किसानों का आक्रोश उग्र हो चला है। इस बीच, राजस्थान में भी किसानों ने विभिन्न मांगों के समर्थन में सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने के इरादे से महापड़ाव का ऐलान कर दिया है।
दरअसल, राजस्थान में किसानों की समस्याओं को लेकर भारतीय किसान संघ ने 15 जून से संभाग मुख्यालयों पर आक्रोश रैली के साथ महापड़ाव करने का फैसला किया है। किसान संघ के मुताबिक़ जब तक सरकार मांगें नहीं मान लेती, तब तक महापड़ाव जारी रहेगा।
संघ के चित्तौड़ प्रांत महामंत्री प्रवीणसिंह चौहान ने बुधवार को यहां किसान संघ कार्यालय बलराम भवन में यह बात कही। उन्होंने बताया कि जयपुर में हुए प्रदेश अधिवेशन में संभाग मुख्यालयों पर महापड़ाव का निर्णय लिया गया था। सरकार किसानों की बात नहीं सुनती है।
उन्होंने कहा कि किसानों को हर बार अपनी बात मनवाने के लिए आंदोलन की राह पकडऩी पड़ती है। सरकार के धीमी गति से कार्य करने के कारण ही वर्ष 2014-15 में हुए खराबे का मुआवजा अब वितरित किया जा रहा है। किसानों की मांगों को लेकर सरकार के नाम कई बार ज्ञापन दिए गए, लेकिन समाधान नहीं निकला।
अधिवेशन में प्रस्तावित मांगों को लेकर प्रदेश में आक्रोश रैली भी निकाली जाएगी। मांगों में किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाना, किसानों को सस्ती दर पर बिजली मुहैया करवाना, जीएम सरसों बीज को प्रतिबंधित करना, पर्याप्त सिंचाई व्यवस्था करना, लाभकारी मूल्य पर खरीद तय कराना शामिल है। जिलाध्यक्ष परथा डांगी ने भी जानकारी दी।
Bureau Report
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