श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर सबजार भट के जनाजे के समय भीड़ के साथ दिखे आतंकी दानिश अहमद ने बुधवार को हंदवाड़ा पुलिस और 21 राजपूताना राइफल्स के सामने सरेंडर कर दिया है।
दानिश के समर्पण को सेना के लिए एक बड़ी कामयाबी के रूप में देखा जा रहा है। दानिश ने पुलिस को साथ ही बताया कि वह सोशल मीडिया पर दक्षिण कश्मीर के आतंकियों से संपर्क में था और उन्हीं के जोर देने पर वह हिजबुल से जुड़ा था।
करीब दो हफ्ते पहले जब सेना ने सबजार भट को मार गिराया था। इसके बाद सबजार के जनाजे के वक्त ही दानिश सुरक्षा एजेंसियों की नजर में आया था।
सुरक्षा एजेंसियों को जब यह बात पता चली कि दानिश चरमपंथियों से जुड़ गया है, जब हंदवाड़ा पुलिस ने उसके माता-पिता को बुलाकर उसे समर्पण के लिए राजी करने को कहा। दानिश के माता-पिता को बताया गया कि वह अगर समर्पण कर देता है, तो उसके साथ नरम बरती जाएगी। सुरक्षाबलों की इन कोशिशों का ही नतीजा था कि अहमद ने खुद आकर सरेंडर कर दिया।
दानिश ने सुरक्षाबलों की पूछताछ में बताया कि वह दक्षिण कश्मीर में आतंकियों के संपर्क में था और उनके जोर देने पर वह हिजबुल का हिस्सा बन गया। उन लोगों ने उससे उत्तरी कश्मीर के कुछ युवाओं को हिजबुल से जोडऩे को कहा था, ताकि घाटी में आतंकी वारदातों में तेजी लाई जा सके। हालांकि बाद में उसे ऐहसास हुआ कि हिजबुल का काम बस गुमराह करना है और फिर उसने सरेंडर करने का फैसला किया।
Bureau Report
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