अगर बदला संवैधानिक दर्जा, तो कश्मीर में तिरंगे की हिफाजत करना होगा मुश्किल- महबूबा मुफ्ती

अगर बदला संवैधानिक दर्जा, तो कश्मीर में तिरंगे की हिफाजत करना होगा मुश्किल- महबूबा मुफ्तीनईदिल्ली: संविधान के अनुच्छेद 35(ए) के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ के खिलाफ जम्मू-कश्मीर की सीएम महबूबबा मुफ्ती ने आगह किया। जहां उन्होंने कहा कि संविधान के इस अनुच्छेद का मजबूती से बचाव करते हुए महबूबा ने कहा कि इसमें किसी भी तरह के बदलाव का बुरा नतीजा होगा और इसका अर्थ यह होगा कि जम्मू एवं कश्मीर में कोई भी भारतीय राष्ट्रध्वज की हिफाजत नहीं कर पाएगा। 

उन्होंने कहा कि इससे राज्य की नेशनल कॉन्फ्रेंस और उनकी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) जैसी मुख्यधारा की पार्टियों के कार्यकर्ताओं का जीवन खतरे में पड़ जाएगा, जो कश्मीर में राष्ट्रध्वज के लिए खड़े होते हैं और इसे फहराते हैं। 

एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीडीपी अध्यक्ष ने कहा कि अनुच्छेद के साथ किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ स्वीकार नहीं किया जाएगा। मुझे यह कहने में बिल्कुल भी संकोच नहीं होगा कि कश्मीर में कोई भी गिरे हुए राष्ट्रध्वज को हाथ भी नहीं लगाएगा।

महबूबा का कहना कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में बहस चल रही है। तो वहीं यह अनुच्छेद राज्य विधानसभा को स्थायी निवासियों को परिभाषित करने और उन्हें विशेष अधिकार देने की शक्ति प्रदान करता है। इस अनुच्‍छेद के तहत देश के अन्य हिस्सों के नागरिकों को जम्मू कश्मीर में अचल संपत्ति का अधिग्रहण या राज्य सरकार में रोजगार नहीं मिल सकता है। अब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को बड़ी बहस के लिए तीन सदस्‍यीय जजों के बेंच को सौंप दिया है। 

गौरतलब है कि वी द सिटिजन नामक एक एनजीओ द्वारा अनुच्छेद 35(ए) के कानूनी आधार को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी गई है। जहां दायर याचिका में कहा गया है कि यह अनुच्छेद कभी संसद में पेश नहीं हुआ और इसे राष्ट्रपति के आदेश पर लागू किया गया। 

Bureau Report

 

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