सीकर: जिले में मानसून की बेरुखी बारानी खेती पर भारी पड़ रही है। हाल यह है कि तापमान में लगातार हो रही बढ़ोतरी से खरीफ की अगेती फसलों पर प्रभाव पड़ रहा है। खेतों में बोई गई फसलें अब सूखने लगी है। हवा में शुष्कता के कारण किसान चिंतित हो गए हैं। दिन व रात के तापमान में अंतर बढ़ता जा रहा है।
छितराई बरसात से असर
जिले में अब तक छितराई बरसात हुई है। इस बरसात के कारण खरीफ की फसलों की बुवाई का समय भी अलग-अलग है। प्रीमानसून की बरसात के समय करीब दस हजार हेक्टेयर में अगेता बाजरा, ग्वार बोया गया था। किसान शिशुपाल सिंह खरबास ने बताया कि बरसात नहीं होने से अगेती फसलें सूखने लगी है। जल्द बरसात नहीं हुई तो अगेती फसलों का उत्पादन प्रभावित हो जाएगा।
यह है अच्छी खबर
मौसम विज्ञानी ओमप्रकाश कालश ने बताया कि पिछले कुछ दिन से मानसून कमजोर है। लिहाजा अभी तेज बारिश की स्थिति नहीं बनेगी। इस बीच अच्छी खबर ये हैं कि बंगाल की खाड़ी में एक ऊपरी हवा का दवाब बना है। इसके कारण मंगलवार को दक्षिण पश्चिमी हवाओं की गति बीच-बीच में थम रही है। इसके अलावा बादलों के कारण भी एक दो दिन में मानसून के गति पकडऩे की संभावना
Bureau Report
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