नईदिल्लीः भारत और चीन के बीच चल रहे विवाद पर पहली बार चीन के रक्षा मंत्रालय ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. चीन ने धमकी भरे अंदाज में भारत को चेताया है. चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने भारत चीन के बीच चल रहे गतिरोध पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि भारत को किसी भी तरह का मुगालता नहीं पालना चाहिए. उन्होंने कहा कि “पहाड़ को हिलाया जा सकता है, लेकिन चीनी सेना को नहीं हिलाया जा सकता.” जानिए, चीनी रक्षा मंत्रालय ने अपने बयान में और क्या कहा.
चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वी कियान ने भारत चीन के बीच डोकलाम में चल रहे विवाद को लेकर मीडिया को दिए आधिकारिक बयान में कहा कि भारत किसी भ्रम में ना रहे और अपनी सेना को जल्द पीछे हटा ले. कियान ने यह भी कहा कि यही इस समस्या के समाधान के लिए चीन की पहली शर्त है.
कियान ने चीनी सेना की प्रशंसा के पुल बांधते हुए कहा कि पीएलए यानि चीनी लिब्रेशन आर्मी ने पिछले कई वर्षों में अपनी शक्ति में काफी इजाफा किया है और वह चीन की हिफाजत के लिए संकल्पित है.
कियान के बयान की मुख्य बातें
– भारत अपनी सेना तुरंत पीछे हटा ले
– भारत इन समस्याओं को किस्मत पर ना छोड़े
– पहाड़ को हिलाया जा सकता है पीएलए (चीनी सेना) को नहीं
-पीएलए का इतिहास दिखाता है कि उसकी शक्ति बढ़ी हैं
सुषमा स्वराज ने संसद में चीन को दिया था करारा जवाब
आपको बता दें कि भारत ने गुरुवार (20 जुलाई) को चीन से कहा था कि यदि चीन चाहता है कि भारत इलाके से अपने सैनिकों को हटा ले, तो वह भी अपने सैनिकों को भूटान-चीन सीमा पर डोकलाम से हटाए. करीब महीनेभर से चल रहे गतिरोध पर पहली भारतीय विस्तृत टिप्पणी में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने चीन पर एकतरफा भूटान से लगी सीमा पर यथास्थिति बदलने का प्रयास करने का आरोप लगाया था. उन्होंने राज्यसभा में कहा था कि इसी वजह से भारतीय व चीनी सीमा में गतिरोध बढ़ा है.
इसके साथ ही सुषमा ने कहा था कि चीन कह रहा है कि भारत को बातचीत शुरू करने के लिए डोकलाम से अपने सैनिकों को वापस बुलाना चाहिए, जबकि ‘हम कह रहे हैं कि यदि संवाद होना है तो दोनों को अपने सैनिकों को हटाना चाहिए.’ उन्होंने कहा, “चीन की कार्रवाई हमारी सुरक्षा को चुनौती है.” सुषमा स्वराज ने कहा था कि भारत कुछ भी अनुचित नहीं कर रहा है.
Bureau Report
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