नईदिल्लीः राज्यसभा में आज विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने चीन के साथ चल रहे सीमा विवाद बयान दिया. विदेश मंत्री ने कहा कि चीन भारतीय सीमा में बुल्डोजर भेज रहा है. उन्होंने कहा कि चीन की मांग है कि डोकलाम से भारतीय सैनिक हटे, लेकिन हम चाहते हैं कि इस मामले पर दोनों देशों के बीच बातचीत हो. सुषमा ने इस विवाद पर देश को आश्वस्त किया कि हमारी सीमाएं सुरक्षित है और इस मुद्दे को लेकर भारत विश्व पटल पर मजबूती के साथ खड़ा है. सभी देशों का मानना है कि इस मामले में भारत का रुख सही है. सुषमा ने यह भी कहा कि हमारी सेनाएं मुस्तैद हैं और हमें कोई नहीं घेर सकता.
सुषमा के भाषण का खास बातें
- भारत की सीमा को कोई खतरा नहीं, हम मुस्तैद
- चीन ट्राइजंक्शन प्वाइंट का उल्लंघन कर रहा है
- चीन ट्राइजंक्शन के पास चीन बुल्डोजर भेज रहा है
- चीन चाहता है डोकलाम से भारतीय सेना हटे
- चीन के मसले पर सभी देश भारत को सही मानते हैं
सुषमा ने कहा कि कि चीन ट्राइजंक्शन प्वाइंट का उल्लंघन कर रहा है. विदेश मंत्री ने बताया कि इस बार चीन चाहता था कि ट्राइजंक्शन को लेकर ‘स्टेटस क्वो’ यानी यथापूर्व स्थिति खत्म हो जाए. सुषमा ने कहा कि ट्राइजंक्शन प्वाइंट में चीन की दखल होते ही भारत के हित इस मामले से सीधे तौर पर जुड़ गए. अगर चीन यहां की यथापूर्व स्थिति को बदल देता तो हमारी सुरक्षा खतरे में पड़ जाती.
चीनी सेना से आमना-सामना पर सुषमा ने कहा कि अगर बातचीत के लिए दोनों देशों द्वारा सेनाएं पीछे हटाने की शर्त रखी गई तो इसमें कुछ भी गलत नहीं था. विदेश मंत्री के मुताबिक, भारत की ओर से इस मामले में कोई भी गैर वाजिब कदम नहीं उठाया गया है.
ट्राइजंक्शन को लेकर क्या था 2012 का समझौता
सुषमा ने बताया भारत ने इस मामले के हल के लिए प्रतिनिधि तय किए हैं. विदेश मंत्री के मुताबिक, सीमा तय किए जाने का मामला देशों को आपस में सुलझाना होता है, लेकिन एक जगह ऐसी थी, जिसे ट्राइजंक्शन कहते हैं. इसे लेकर 2012 में समझौता हुआ था कि भारत, चीन और थर्ड कंट्री यानी कि भूटान मिलकर सीमा तय करेंगे. विदेश मंत्री के मुताबिक, इसके बाद, चीन बीच-बीच में इस क्षेत्र में आता रहा और उसकी हल्की-फुल्की गतिविधियां जारी रहीं. हालांकि, इस बार चीनी सेना बुलडोजर और भारी साजो-सामान लेकर पहुंच गई.
समुद्री सीमा को लेकर भारत चौकन्ना है‘
सुषमा ने हिंद महासागर में चीन के भारत को घेरने पर कहा कि ऐसी खबरें आई थीं चीन समुद्री ताकत बनना चाहता है. इसके लिए उसने समुद्री सीमाओं के आसपास सक्रियता बढ़ाई है, लेकिन भारत अपनी सुरक्षा के बारे में बहुत चौकन्ना है, इसलिए उसे कोई घेर नहीं सकता. सुषमा ने बताया कि भारत की स्थिति दक्षिण चीन सागर के बारे में बिल्कुल साफ है. वहां फ्रीडम ऑफ नेविगशन होनी चाहिए. किसी तरह से व्यापार को बाधित नहीं बनाना चाहिए.
Bureau Report
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