नईदिल्ली: भारत सरकार ने शुक्रवार (21 जुलाई) को कहा कि आयकर विभाग ने 19000 करोड़ रुपए के काले धन का पता लगाया है जिसमें स्वीट्जरलैंड के एचएसबीसी खाताधारक भी शामिल हैं. सरकार ने यह जानकारी ग्लोबल लीक्स द्वारा किए गए जांच के बाद जारी की है.
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सूचना के आधार पर की गई जांच और फिर उसे आईसीआईजे द्वारा सार्वजनिक किए जाने के बाद, इस तथ्य का खुलासा हुआ कि लगभग 700 भारतीय संबंधित पनामा पेपर्स मामले से जुड़े हैं जो कि टैक्स न दे ने या फिर कम टैक्स देने के दायरे में आते हैं. इन 700 अकाउंट्स जिसके बारे में कोई जानकारी नहीं है, से करीब 11,010 करोड़ रुपए से अधिक पैसे की जानकारी मिली है. जेटली ने लोकसभा को बताया कि ऐसे 31 मामलों में आपराधिक कोर्ट से पहले 72 फौजदारी मुकदमें दायर किए गए हैं.
उन्होंने बताया कि स्विट्जरलैंड में एचएसबीसी के बैंक खातों में 628 भारतीयों के बैंक खाते होने की सूचना सरकार को फ्रांस सरकार से दोहरे कराधान से बचाव समझौते (डीटीएसी) के तहत मिली थी. इन मामलों की जांच के जरिए 8,437 करोड़ रुपये की अघोषित आय को मई 2017 तक कर के दायरे में लाया गया. गौरतलब है कि काला धन पर रोक लगाने के लिए सूचना के आदान प्रदान के लिए जनवरी 2017 तक भारत के 139 देशों / सिंगापुर सहित विदेशी क्षेत्राधिकारों के साथ कर समझौते हैं.
भारतीयों के विदेशों में जमा काला धन के बारे में कोई आधिकारिक अनुमान नहीं
भारतीयों ने विदेशों या विदेशी बैंकों में कितना कालाधन जमा कर रखा है, उस बारे में सरकार के पास कोई आधिकारिक अनुमान नहीं है. लोकसभा में एक सवाल का लिखित में जवाब देते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने यह बात कही. हालांकि, उन्होंने बताया कि वित्त मामलों पर स्थायी समिति की सिफारिशों के आधार पर सरकार ने देश के अंदर और बाहर इस तरह के धन का अनुमान लगाने के लिए एक अध्ययन शुरू कराया है.
उन्होंने बताया कि यह अध्ययन राष्ट्रीय लोकवित्त एवं नीति (एनआईपीएफपी), राष्ट्रीय आर्थिक प्रयुक्त अनुसंधान परिषद (एनसीएईआर) और राष्ट्रीय वित्त प्रबंध संस्थान (एनआईएफएम) द्वारा किया जा रहा है. इन संस्थानों की रिपोर्टों के नतीजों पर सरकार की प्रतिक्रिया वित्त मामलों की स्थायी समिति के समक्ष जल्द ही रखी जाएगी.
Bureau Report
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