नई दिल्ली: भारत में बोफोर्स तोप के विकल्प के तौर पर विकसित की जा रही धनुष तोप के साथ बड़ा धोखा सामने आया है। जिन कंपनियों को इन तोपों के निर्माण के लिए कलपुर्जे जुटाने का ठेका दिया था। उन्होंने जर्मनी में बने कलपुर्जे की जगह चीन में बने कलपुर्जों को सप्लाई कर दिया। इस कारण यह तोप अपने परीक्षण में नाकाम साबित हो हो गई। इस मामले में सीबीआई ने अब इन कंपनियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
धनुष को स्वीडन में बनी बोफोर्स तोप का देसी वर्जन कहा जा रहा था। धनुष तोप को 38 किमी तक की मारक क्षमता के रूप में तैयार किया जा रहा था, लेकिन इस खुलासे से भारत सरकार की रक्षा तैयारियों को काफी झटका लगा है।
दो कंपनियों के खिलाफ मामला दर्ज
सीबीआई ने इस फर्जीवाड़े में सिध सेल्स सिंडिकेट (दिल्ली) नामक कंपनी के अलावा गन कैरिज फैक्टरी (जीसीएफ) जबलपुर के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। सिध सेल्स को छह वायर रेस रॉलर बेयरिंग (डब्ल्यूआरआरबी) की आपूर्ति का ठेका दिया गया था।
चीनी कंपनी से बातचीत का ब्यौरा जब्त
सीबीआई ने सिध सेल्स और चीनी कंपनी के बीच ई-मेल के जरिये हुई बातचीत का ब्यौरा भी जब्त कर लिया है। सिध सेल्स ने जर्मन कंपनी के फर्जी लेटर हेड का इस्तेमाल किया था। प्रमाण-पत्र भी फर्जी पाए गए हैं। जीसीएफ के अधिकारियों पर बेयरिंग के अलावा दस्तावेजों की पर्याप्त जांच-पड़ताल नहीं करने का भी आरोप लगाया गया है।
Bureau Report
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