इस्लामाबाद: सुप्रीम कोर्ट ने पनामा पेपर लीक मामले में नवाज शरीफ को आय से अधिक संपत्ति का दोषी पाया और उन्हें प्रधानमंत्री पद छोडऩे को कहा। कोर्ट के फैसले के तुरंत बाद शरीफ ने इस्तीफा दे दिया। लेकिन सत्ता पर पकड़ मजबूत रखते हुए शरीफ ने अपने भाई शाहबाज का नाम प्रधानमंत्री पद के लिए आगे बढ़ा दिया है। वे फिलहाल पंजाब प्रांत के गर्वनर हैं। शाहबाज गर्वनर पद से इस्तीफा देकर नई सरकार का गठन करेंगे।
लोकतंत्र कमजोर, अब आगे क्या?
राजनीति अराजकता के दौर में सैन्य तंत्र के हावी होने की आशंका है। पाक का इतिहास भी इसकी ताकीद करता है। जब भी यहां सत्ता कमजोर हुई, सेना राजनीति पर हावी हुई है। हालांकि नवाज के शासनकाल में भी उनके सेना से संबंध कभी अच्छे नहीं रहे हैं। कई मौकों पर सेना के एजेंडे पर चलने की बजाय उन्होंने अलग रुख अख्तियार किया था।
भारत पर असर
पाकिस्तान की राजनीतिक अस्थिरता भारत के लिए नुकसानदेह साबित होगी। मौजूदा तल्खी के बावजूद शरीफ से भारत को बेहतर रिश्तों की उम्मीद थी, क्योंकि शरीफ के प्रधानमंत्री मोदी से निजी रिश्ते काफी बेहतर थे। जब भी यहां सत्ता कमजोर हुई, सेना राजनीति पर हावी हुई है। नवाज को पाक में नरम रुख वाला नेता माना जाता है।
भारत में 415 मामले, 15 महीने बाद भी नतीजा शून्य
पड़ोसी देश ने पनामा लीक मामले में सख्त कदम उठाते हुए अपने प्रधानमंत्री को पद छोडऩे पर मजबूर कर दिया है, लेकिन भारत में 15 महीने बाद भी मामले में कोई प्रगति नहीं हुई। इस मामले में बीते साल अमिताभ बच्चन, ऐश्वर्या राय, डीएफएफ के मालिक केपी सिंह और कारोबारी गौतम अडानी के बड़े भाई विनोद समेत 500 से ज्यादा भारतीयों के नाम सामने आए थे। इनमें से 415 के नाम संदिग्ध पाए गए। इसके बावजूद भ्रष्टाचार के इतने बड़े मामले में केंद्र सरकार ने अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है।
महज नेता नहीं, बड़े कारोबारी भी हैं शरीफ
नवाज शरीफ की कुल संपत्ति में 2011 से 2015 के बीच 12 गुना से ज्यादा का इजाफा हुआ। 2011 में संपत्ति 16 करोड़ रुपए थी, जो चार साल में बढ़कर 200 करोड़ से अधिक हो गई। हालांकि यह संपत्ति ज्ञात स्रोतों के आधार पर आंकी गई है। माना जाता है कि शरीफ परिवार की कुल संपत्ति इससे कई गुना ज्यादा है। इसमें विदेशों में घर, जमीन और कारोबारी निवेश शामिल है।
अब आजीवन चुनाव नहीं लड़ पाएंगे नवाज शरीफ
नवाज शरीफ अब आजीवन चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। ना ही किसी सार्वजनिक पद पर बैठ पाएंगे। उनकी बेटी मरियम शरीफ भी अब चुनाव नहीं लड़ पाएंगी। पीठ ने शरीफ के खिलाफ मुकदमा चलाने का आदेश भी दिया। कोर्ट के आदेश के बाद पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने तत्काल शरीफ की योग्यता खारिज करने का आदेश दिया था। इसके साथ मंत्री चौधरी निसार खान ने मंत्री पद और संसद की सदस्यता से इस्तीफा दिया है।
कोर्ट के फैसले के पांच बिंदू…
ईमानदार नहीं
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि नवाज ईमानदारी नहीं हैं, इसलिए जनप्रतिनिधित्व के लायक नहीं।
संसद सदस्यता खारिज
शरीफ की सदस्यता खारिज की जाए और चुनाव आयोग उन्हें प्रधानमंत्री पद के लिए अयोग्य घोषित करे।
चुनाव आयोग को निर्देश
चुनाव आयोग को संसद सदस्यता रद्द करने का आदेश दिया और राष्ट्रपति से कहा जरूरी कदम उठाएं।
निगरानी की व्यवस्था
सुप्रीम कोर्ट ने फैसले की मूल भावना को लागू करने के लिए निगरानी की व्यवस्था की है। इसके लिए शीर्ष अदालत के न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक सदस्यीय कमेटी बनाई।
जांचकर्ताओं को सुरक्षा
जांचकर्ताओं की प्रशंसा की। निर्देश दिया है कि निगरानी समिति की जानकारी के बिना जांच करने वालों का न तो ट्रांसफर हो, न ही उनके काम में बदलाव किया जाए।
Bureau Report
Leave a Reply