प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इजराइल दौरे को लेकर पाकिस्तान बेहद चिंतित हो गया है. पाकिस्तानी मीडिया लगातार पीएम मोदी के दौरे को कवर कर रही है. वहां के रक्षा विशेषज्ञ भी इस पर निगाह गड़ाए हुए हैं. पाकिस्तानी अखबार डॉन के मुताबिक पीएम मोदी इजराइल जाने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं. खास बात यह है कि वह फिलिपींस नहीं जाएंगे. भारत और इजराइल के बीच रिश्ते मजबूत हो रहे हैं. साथ ही अरबों डॉलर के रक्षा करार हो रहे हैं. दोनों देशों ने सुरक्षा, कृषि और ऊर्जा के क्षेत्र में मिलकर काम करने की संकल्प लिया है.
मोदी का यह दौरा भारत की बदली विदेश नीति का परिणाम है. पाकिस्तानी अखबारों ने भारत और इजराइल के बीच लगातार मजबूत होते रिश्तों पर चिंता जाहिर की है. साथ ही कहा है कि भारत के इस आक्रामक कदम को रोकने की जरूरत है. इनका मानना है कि भारत और इजराइल के बीच रक्षा समझौते पाकिस्तान के खिलाफ हैं. पाकिस्तान के तमाम न्यूज चैनल, अंग्रेजी और ऊर्दू अखबारों ने कहा कि भारत ने अरब क्षेत्र को लेकर अपनी रणनीति बदल दी है. लिहाजा पीएम मोदी ने फिलिस्तीन से दूरी बना रहे हैं और इजराइल का दौरा कर रहे हैं. वहीं, अभी तक पाकिस्तान ने इजराइल को मान्यता नहीं दी है.
डॉन समेत कई अखबार मोदी के दौरे के अलग मायने निकाल रहे हैं. पाकिस्तान के चैनल 42 पर कमेंटेटर खवर गुम्मान ने कहा कि भारत और इजराइल सांठ-गांठ करके पाकिस्तान के खिलाफ साजिश रच रहे हैं. उन्होंने कहा कि पहले भी यह देखा गया है कि इजराइल भारत के साथ मिलकर पाकिस्तान के खिलाफ काम कर चुका है. पाकिस्तानी रक्षा विशेषज्ञ बिग्रेडियर गजंफर अली ने कहा कि पाकिस्तान को भारत और इजराइल के बीच सुरक्षा सहयोग पर नजर रखनी चाहिए.
इसकी वजह यह है कि इससे इस्लामाबाद पर सीधे असर पड़ेगा. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को भी अपने राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखते हुए कदम उठाना चाहिए. साथ ही अपने हित को समझना चाहिए. पाकिस्तान अखबारों ने यह भी कहा कि भारत अब रूस से दूरी बना रहा है और रक्षा उपकरण के लिए इजराइल के करीब पहुंच गया है. हाल के दिनों में दोनों देशों के बीच रिश्ते मजबूत हुए हैं, जो पाकिस्तान के लिए खतरा साबित हो सकता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इजराइल दौरे को लेकर पाकिस्तान बेहद चिंतित हो गया है. पाकिस्तानी मीडिया लगातार पीएम मोदी के दौरे को कवर कर रही है. वहां के रक्षा विशेषज्ञ भी इस पर निगाह गड़ाए हुए हैं. पाकिस्तानी अखबार डॉन के मुताबिक पीएम मोदी इजराइल जाने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं. खास बात यह है कि वह फिलिपींस नहीं जाएंगे. भारत और इजराइल के बीच रिश्ते मजबूत हो रहे हैं. साथ ही अरबों डॉलर के रक्षा करार हो रहे हैं. दोनों देशों ने सुरक्षा, कृषि और ऊर्जा के क्षेत्र में मिलकर काम करने की संकल्प लिया है.
मोदी का यह दौरा भारत की बदली विदेश नीति का परिणाम है. पाकिस्तानी अखबारों ने भारत और इजराइल के बीच लगातार मजबूत होते रिश्तों पर चिंता जाहिर की है. साथ ही कहा है कि भारत के इस आक्रामक कदम को रोकने की जरूरत है. इनका मानना है कि भारत और इजराइल के बीच रक्षा समझौते पाकिस्तान के खिलाफ हैं. पाकिस्तान के तमाम न्यूज चैनल, अंग्रेजी और ऊर्दू अखबारों ने कहा कि भारत ने अरब क्षेत्र को लेकर अपनी रणनीति बदल दी है. लिहाजा पीएम मोदी ने फिलिस्तीन से दूरी बना रहे हैं और इजराइल का दौरा कर रहे हैं. वहीं, अभी तक पाकिस्तान ने इजराइल को मान्यता नहीं दी है.
डॉन समेत कई अखबार मोदी के दौरे के अलग मायने निकाल रहे हैं. पाकिस्तान के चैनल 42 पर कमेंटेटर खवर गुम्मान ने कहा कि भारत और इजराइल सांठ-गांठ करके पाकिस्तान के खिलाफ साजिश रच रहे हैं. उन्होंने कहा कि पहले भी यह देखा गया है कि इजराइल भारत के साथ मिलकर पाकिस्तान के खिलाफ काम कर चुका है. पाकिस्तानी रक्षा विशेषज्ञ बिग्रेडियर गजंफर अली ने कहा कि पाकिस्तान को भारत और इजराइल के बीच सुरक्षा सहयोग पर नजर रखनी चाहिए.
इसकी वजह यह है कि इससे इस्लामाबाद पर सीधे असर पड़ेगा. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को भी अपने राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखते हुए कदम उठाना चाहिए. साथ ही अपने हित को समझना चाहिए. पाकिस्तान अखबारों ने यह भी कहा कि भारत अब रूस से दूरी बना रहा है और रक्षा उपकरण के लिए इजराइल के करीब पहुंच गया है. हाल के दिनों में दोनों देशों के बीच रिश्ते मजबूत हुए हैं, जो पाकिस्तान के लिए खतरा साबित हो सकता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इजराइल दौरे को लेकर पाकिस्तान बेहद चिंतित हो गया है. पाकिस्तानी मीडिया लगातार पीएम मोदी के दौरे को कवर कर रही है. वहां के रक्षा विशेषज्ञ भी इस पर निगाह गड़ाए हुए हैं. पाकिस्तानी अखबार डॉन के मुताबिक पीएम मोदी इजराइल जाने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं. खास बात यह है कि वह फिलिपींस नहीं जाएंगे. भारत और इजराइल के बीच रिश्ते मजबूत हो रहे हैं. साथ ही अरबों डॉलर के रक्षा करार हो रहे हैं. दोनों देशों ने सुरक्षा, कृषि और ऊर्जा के क्षेत्र में मिलकर काम करने की संकल्प लिया है.
मोदी का यह दौरा भारत की बदली विदेश नीति का परिणाम है. पाकिस्तानी अखबारों ने भारत और इजराइल के बीच लगातार मजबूत होते रिश्तों पर चिंता जाहिर की है. साथ ही कहा है कि भारत के इस आक्रामक कदम को रोकने की जरूरत है. इनका मानना है कि भारत और इजराइल के बीच रक्षा समझौते पाकिस्तान के खिलाफ हैं. पाकिस्तान के तमाम न्यूज चैनल, अंग्रेजी और ऊर्दू अखबारों ने कहा कि भारत ने अरब क्षेत्र को लेकर अपनी रणनीति बदल दी है. लिहाजा पीएम मोदी ने फिलिस्तीन से दूरी बना रहे हैं और इजराइल का दौरा कर रहे हैं. वहीं, अभी तक पाकिस्तान ने इजराइल को मान्यता नहीं दी है.
डॉन समेत कई अखबार मोदी के दौरे के अलग मायने निकाल रहे हैं. पाकिस्तान के चैनल 42 पर कमेंटेटर खवर गुम्मान ने कहा कि भारत और इजराइल सांठ-गांठ करके पाकिस्तान के खिलाफ साजिश रच रहे हैं. उन्होंने कहा कि पहले भी यह देखा गया है कि इजराइल भारत के साथ मिलकर पाकिस्तान के खिलाफ काम कर चुका है. पाकिस्तानी रक्षा विशेषज्ञ बिग्रेडियर गजंफर अली ने कहा कि पाकिस्तान को भारत और इजराइल के बीच सुरक्षा सहयोग पर नजर रखनी चाहिए.
इसकी वजह यह है कि इससे इस्लामाबाद पर सीधे असर पड़ेगा. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को भी अपने राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखते हुए कदम उठाना चाहिए. साथ ही अपने हित को समझना चाहिए. पाकिस्तान अखबारों ने यह भी कहा कि भारत अब रूस से दूरी बना रहा है और रक्षा उपकरण के लिए इजराइल के करीब पहुंच गया है. हाल के दिनों में दोनों देशों के बीच रिश्ते मजबूत हुए हैं, जो पाकिस्तान के लिए खतरा साबित हो सकता है.
Bureau Report
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