नईदिल्लीः इराक के मोसुल में लापता 39 भारतीयों पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज लोकसभा में बयान दिया. अपने बयान में कहा कि मैंने लापता भारतीयों के मामले में कभी देश को गुमराह नहीं किया है. उन्होंने कहा कि गुमराह करने से मुझे या मेरी सरकार को क्या फायदा होगा. सुषमा ने कहा कि इराक ने कभी नहीं कहा कि लापता भारतीय मारे गए है.
सुषमा ने ये भी बताया कि उन्होंने कभी नहीं कहा कि लापता भारतीय बदरूस जेल में बंद थे. उन्होंने कहा कि बिना ठोस सबूत के किसी को मृत घोषित करना पाप है. सुषमा ने कहा कि इस मामले पर मैंने और पीएम ने कई देशों से बात की है. जब तक मेरे पास कोई ठोस सबूत नहीं हो जाता है तब मैं उन्हें तलाश करती रहूंगी.
उन्होंने कहा कि बिना किसी सबूत के किसी को भी मरा हुआ कहना सही नहीं है. सुषमा ने कहा कि इराक में लापता भारतीयों के परिवार अपनी जिम्मेदारी पर फैसला करें. उन्होंने कहा कि यदि मैंने यानि विदेश मंत्रालय ने मृत घोषित कर दिया और बाद में वो जिंदा लौटे तो?
गौरतलब है कि इराक में लापता 39 भारतीयों की स्थिति का मुद्दा सोमवार को लोकसभा में शिरोमणि अकाली दल ने इन लोगों के जिंदा होने या नहीं होने के मामले में सरकार से जवाब की मांग की थी. साथ ही इन लोगों ने सरकार से यह भी जानना चाहा कि क्या भारतीय खुफिया तंत्र इस मामले में विफल साबित हुआ है.
शिरोमणि अकाली दल के प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने सदन में शून्यकाल के दौरान यह मसला उठाते हुए कहा कि 39 भारतीय इराक से लापता हैं और पहले विदेश मंत्री ने कहा था कि वे इराक की जेल में हो सकते हैं लेकिन समाचार चैनलों की रिपोर्टो में दिखाया जा रहा है कि वह जेल नष्ट हो चुकी है और वह अस्पताल भी खाली पड़ा है जहां उनके छुपे होने की बात कही जा रही थी.
उधर कुछ दिन पहले भारत दौरे पर आए इराक के विदेश मंत्री इब्राहिम अल-जाफरी ने कहा था कि लापता 39 भारतीय जिंदा हैं या उनकी हत्या कर दी गई है इस बारे में उनके पास कोई महत्वपूर्ण साक्ष्य नहीं है. विदेश मंत्री ने कहा कि वह इस बारे में कुछ नहीं कह सकते. अल जाफरी ने कहा कि उनका देश 39 अगवा भारतीयों का पता लगाने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करेगा.
Bureau Report
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